दौलत की भूख ऐसी थी कि कमाने निकल गए; दौलत मिली तो हाथ से रिश्ते निकल गए; बच्चों के साथ रहने की फुर्सत ना मिल सकी; और जब फुर्सत मिली तो बच्चे खुद ही दौलत कमाने निकल गए। |
सुहाना मौसम और हवा में नमी होगी; आँसुओं की बहती नदी थमी होगी; मिलना तो हम तब भी चाहेंगे आपसे; जब आपके पास वक़्त और हमारे पास साँसों की कमी होगी। |
रिश्तों में दूरियां तो आती रहती हैं; फिर भी दूरियां दिलों को मिला देती हैं; वो रिश्ता ही क्या जिसमें नाराज़गी ना हो; पर सच्ची दोस्ती दोस्तों को मना लेती है। |
प्यार क्या है? अगर समझो तो ये भावना है; इससे खेलो तो ये एक खेल है; अगर साँसों में हो तो श्वास है; और दिल में हो तो विश्वास है; अगर निभाओ तो पूरी ज़िन्दगी है; और बना लो तो ये पूरा संसार है। |
जिए हुए लम्हों को ज़िन्दगी कहते हैं; जो दिल को सुकून दे, उसे ख़ुशी कहते हैं; जिसके होने की ख़ुशी से ज़िन्दगी मिले; ऐसे रिश्ते को दोस्ती कहते हैं। |
रिश्ते काँच की तरह होते हैं; टूटे जाए तो चुभते हैं; इन्हे संभालकर हथेली पर सजाना; क्योंकि इन्हें टूटने मे एक पल; और बनाने मे बरसो लग जाते हैं। |
ज़िन्दगी का सबसे अच्छा पल वो है जब आप कहते हैं "मैं ठीक हूँ" और आपका दोस्त आपकी आँखों में एक पल झाँकने के बाद कहे "चल अब बता क्या बात है"। |
कुछ रिश्ते अनजाने में बन जाते हैं; पहले दिल से फिर ज़िन्दगी से जुड़ जाते हैं; कहते हैं उस दौर को दोस्ती; जिसमे अनजाने ना जाने कब अपने बन जाते हैं। |
दूरियां ही दोस्तों को नज़दीक लाती हैं; दूरियां ही एक दूजे की याद दिलाती हैं; दूर रहकर है करीब दोस्त कितना; दूरियां ही इस बात का एहसास दिलाती हैं। |
हो जुदाई का सबब कुछ भी मगर; हम उसे अपनी खता कहते हैं; वो तो साँसों में बसी है मेरे; जाने क्यों लोग उसे मुझे जुदा कहते हैं। |