हुस्न और खुशबु का सबब हो तुम; ऐसा खिलता हुआ गुलाब हो तुम; तुम जैसा हसीन न होगा इस जहाँ में; तमाम हसीनों में लाजवाब हो तुम। |
एक आरज़ू सी है कि उन्हें भूल जाएँ हम; मगर उनकी यादों के आगे तो यह हसरत भी हार जाती है। |
कुछ फांसले सिर्फ आँखों से होते हैं; दिल के फांसले तो बातों में होते हैं; हम लाख कोशिश करें भुलाने की; पर कुछ दोस्त सांसों में बसे होते हैं। |
मेरी आँखें तेरे दीदार को तरसती हैं; मेरी नस-नस तेरे प्यार तरसती है; तू ही बता कि तुझे बताऊँ कैसे; कि मेरी रूह तक तेरी याद में तड़पती है। |
दिल के ज़ख्मों को उनसे छुपाना पड़ा; पलक भीगी थी पर मुस्कुराना पड़ा; कैसे होते हैं यह मोहब्बत के रिवाज़; रूठना चाहते थे उनसे, पर उनको ही मनाना पड़ा। |
नज़र चाहती है दीदार करना; दिल चाहता है प्यार करना; क्या बतायें इस दिल का आलम; नसीब में लिखा है इंतज़ार करना। |
कभी यह धड़कन आपसे जो भी कहे; फिर साँसों को भी उसकी ख़बर न हो; बहुत गहरा है हमारी दोस्ती का यह रिश्ता; दुआ करो कि इसको कभी किसी की नज़र न लगे। |
अजीब लगती है शाम कभी-कभी; ज़िंदगी लगती है बेजान कभी-कभी; समझ आये तो मुझे भी बताना कि; क्यों करती हैं यादें परेशान कभी-कभी। |
दोस्ती एक मिसाल है जहाँ कोई सरहद नहीं होती; ये वो शहर है जहाँ इमारतें नहीं होती; यहाँ तो सब रास्ते एक-दूसरे के निकलते हैं; ये वो अदालत है जहाँ कोई शिकायत नहीं होती। |
बड़ी मुश्किल में हूँ कैसे इज़हार करूँ; वो तो खुशबू है उसे कैसे गिरफ्तार करूँ; उसकी मोहब्बत पर मेरा हक़ नहीं लेकिन; दिल करता है आखिरी साँस तक उसका इंतज़ार करूँ। |