अजब सी बेकरारी है; दिन भी भारी था, रात भी भारी है; अगर मेरा दिल तोड़ना है तो शौंक से तोड़िए; क्योंकि चीज़ ये हमारी नहीं तुम्हारी है। |
आसमान से तोड़ कर 'तारा' दिया है; आलम ए तन्हाई में एक शरारा दिया है; मेरी 'किस्मत' भी 'नाज़' करती है मुझे पे; खुदा ने 'दोस्त' ही इतना प्यारा दिया है। |
क्यों कोई मेरा इंतज़ार करेगा; अपनी ज़िंदगी मेरे लिए बेकार करेगा; हम कौन सा किसी के लिए ख़ास हैं; क्या सोच कर कोई हमें याद करेगा। |
आँखों में रहने वालों को याद नहीं करते; दिल में रहने वालों की बात नहीं करते; हमारी तो रूह में बस गए हो आप; तभी तो आपसे मिलने की फ़रियाद नहीं करते। |
मोहब्बत मुक़द्दर है एक ख्वाब नहीं; ये वो रिश्ता है जिस में सब कामयाब नहीं; जिन्हें साथ मिला उन्हें उँगलियों पर गिन लो; जिन्हें मिली जुदाई उनका कोई हिसाब नहीं। |
वो प्यार जो हकीकत में प्यार होता है; ज़िंदगी में सिर्फ एक बार होता है; निगाहों के मिलते मिलते दिल मिल जाएं; ऐसा इतेफाक सिर्फ एक बार होता है। |
किस हद तक जाना है ये कौन जानता है; किस मंजिल को पाना है ये कौन जानता है; दोस्ती के दो पल जी भर के जी लो; किस रोज़ बिछड़ जाना है ये कौन जानता है। |
दूरियों से फर्क पड़ता नहीं; बात तो दिलों की नज़दीकियों से होती है; दोस्ती तो कुछ आप जैसों से है; वरना मुलाकात तो जाने कितनों से होती है। |
मत इंतज़ार कराओ हमे इतना; कि वक़्त के फैसले पर अफ़सोस हो जाये; क्या पता कल तुम लौटकर आओ; और हम खामोश हो जाएँ। |
निकलते हैं तेरे आशियाँ के आगे से; सोचते हैं की तेरा दीदार हो जायेगा; खिड़की से तेरी सूरत न सही तेरा साया तो नजर आएगा। |