अपनी तक़दीर में तो कुछ ऐसे ही सिलसिले लिखे हैं; किसी ने वक़्त गुज़ारने के लिए दोस्ती कर ली; तो किसी ने दोस्ती कर के वक़्त गुज़ार लिया। |
मत करो प्यार किसी से फूलों की तरह; फूल तो पल में मुरझा जाते हैं; प्यार करो तो काँटों की तरह; जो चुभने के बाद भी याद आते हैं। |
ऐ रब अपने पास मेरी दुआ अमानत रखना; रहती दुनियां तक उसको सलामत रखना; मेरी आँखों के सारे दीप बुझा देना; पर उसकी आँखों के सारे ख्वाब सलामत रखना। |
एहसास बदल जाते हैं बस और कुछ नहीं; वरना मोहब्बत और नफरत एक ही दिल से होती है। |
फ़िज़ा पर असर हवाओं का होता है; मोहब्बत पर असर अदाओं का होता है; कोई ऐसे ही किसी का दीवाना नहीं होता; कुछ कसूर तो निगाहों का होता है। |
फासला मिटा कर आपस में प्यार रखना; हमारा यह रिश्ता हमेशा बरकरार रखना; बिछड़ जाएं कभी आप से हम; आँखों में हमेशा मेरा इंतज़ार रखना। |
सभी नगमे साज़ में गाए नहीं जाते; सभी लोग महफ़िल में बुलाए नहीं जाते; कुछ पास रहकर भी याद नहीं आते; कुछ दूर रहकर भी भुलाए नहीं जाते। |
रात इतनी हसीन थी कि सारे सो रहे थे; हम ही ऐसे बदनसीब थे, जो आपकी याद में रो रहे थे। |
बात इतनी सी थी कि तुम अच्छे लगते थे; अब बात इतनी बढ़ गई है कि तुम बिन कुछ अच्छा नहीं लगता। |
कुछ पल की ख़ुशी आपके साथ में थी; ऐसी कोई लकीर हमारे हाथ में होती; दूर रहकर भी आपको याद करते हैं हम; शायद कोई बहुत प्यारी सी बात हमारी मुलाक़ात में थी। |