चाँद की दोस्ती, रात से सुबह तक; सूरज की दोस्ती, दिन से शाम तक; हमारी दोस्ती पहली मुलाक़ात से आखरी सांस तक। |
काश मुझे भी कोई प्यार करे; काश मुझे पर भी कोई ऐतबार करे; निकलता हूँ यूँही चाहत की तलाश मे; काश प्यार की राहों मे मेरा भी कोई इंतज़ार करे। |
कौन होता है दोस्त? दोस्त वो जो बिन बुलाये आये; बेवजह हर वक्त सर खाए; हमेशा जेब खाली कर जाये ; कभी सताए और कभी रुलाये; मगर हमेशा साथ निभाए। |
तुझे पाने की आरज़ू में तुझे गंवाता रहा हूँ; रुस्वा तेरे प्यार में होता रहा हूँ; मुझसे ना पूछ तू मेरे दिल का हाल; तेरी जुदाई में रोज़ रोता रहा हूँ। |
चाँद की जुदाई में आसमान भी तड़प गया; उसकी झलक पाने को हर सितारा तरस गया; बादल का दर्द क्या कहूं; चाँद की याद में वो तो हँसते-हँसते बरस गया। |
आँखें खोलूं तो चेहरा उसका हो; आँखें बंद करूँ तो सपना उसका हो; मर जाऊं तो ग़म नहीं; अगर कफ़न के बदले दुपट्टा उसका हो। |
ज़िक्र हुआ जब खुदा की रहमतों का; हमने खुद को खुशनसीब पाया; तमन्ना थी एक प्यारे से दोस्त की; खुदा खुद दोस्त बनकर चला आया। |
वो मिल जाते हैं कहानी बनकर; दिल में बस जाते हैं निशानी बनकर; जिन्हें हम रखते हैं आँखों में; जाने वो क्यों निकल जाते हैं पानी बनकर। |
आईना हमने तोड़ दिया है इस ख्याल से; कि शायद हमारी तक़दीर बदल जाए; हमें क्या पता कि टूटे आईने के हर टुकड़े में; फिर वही तस्वीर नज़र आएगी। |
छुप-छुप कर तन्हा रो लूंगा; अब दिल का दर्द किसी से ना बोलूंगा; नींद तो आती नहीं रातों को मुझे; जब रुकेगी धड़कन तो जी भर के सो लूंगा। |