Emotions Hindi SMS

  • चाँद की दोस्ती, रात से सुबह तक;<br/>
सूरज की दोस्ती, दिन से शाम तक;<br/>
हमारी दोस्ती पहली मुलाक़ात से आखरी सांस तक।Upload to Facebook
    चाँद की दोस्ती, रात से सुबह तक;
    सूरज की दोस्ती, दिन से शाम तक;
    हमारी दोस्ती पहली मुलाक़ात से आखरी सांस तक।
  • काश मुझे भी कोई प्यार करे;<br/>
काश मुझे पर भी कोई ऐतबार करे;<br/>
निकलता हूँ यूँही चाहत की तलाश मे;<br/>
काश प्यार की राहों मे मेरा भी कोई इंतज़ार करे।Upload to Facebook
    काश मुझे भी कोई प्यार करे;
    काश मुझे पर भी कोई ऐतबार करे;
    निकलता हूँ यूँही चाहत की तलाश मे;
    काश प्यार की राहों मे मेरा भी कोई इंतज़ार करे।
  • कौन होता है दोस्त?
    दोस्त वो जो बिन बुलाये आये;
    बेवजह हर वक्त सर खाए;
    हमेशा जेब खाली कर जाये ;
    कभी सताए और कभी रुलाये;
    मगर हमेशा साथ निभाए।
  • तुझे पाने की आरज़ू में तुझे गंवाता रहा हूँ;
    रुस्वा तेरे प्यार में होता रहा हूँ;
    मुझसे ना पूछ तू मेरे दिल का हाल;
    तेरी जुदाई में रोज़ रोता रहा हूँ।
  • चाँद की जुदाई में आसमान भी तड़प गया;<br/>
उसकी झलक पाने को हर सितारा तरस गया;<br/>
बादल का दर्द क्या कहूं;<br/>
चाँद की याद में वो तो हँसते-हँसते बरस गया।Upload to Facebook
    चाँद की जुदाई में आसमान भी तड़प गया;
    उसकी झलक पाने को हर सितारा तरस गया;
    बादल का दर्द क्या कहूं;
    चाँद की याद में वो तो हँसते-हँसते बरस गया।
  • आँखें खोलूं तो चेहरा उसका हो;
    आँखें बंद करूँ तो सपना उसका हो;
    मर जाऊं तो ग़म नहीं;
    अगर कफ़न के बदले दुपट्टा उसका हो।
  • ज़िक्र हुआ जब खुदा की रहमतों का;<br/>
हमने खुद को खुशनसीब पाया;<br/>
तमन्ना थी एक प्यारे से दोस्त की;<br/>
खुदा खुद दोस्त बनकर चला आया।Upload to Facebook
    ज़िक्र हुआ जब खुदा की रहमतों का;
    हमने खुद को खुशनसीब पाया;
    तमन्ना थी एक प्यारे से दोस्त की;
    खुदा खुद दोस्त बनकर चला आया।
  • वो मिल जाते हैं कहानी बनकर;
    दिल में बस जाते हैं निशानी बनकर;
    जिन्हें हम रखते हैं आँखों में;
    जाने वो क्यों निकल जाते हैं पानी बनकर।
  • आईना हमने तोड़ दिया है इस ख्याल से;<br/>
कि शायद हमारी तक़दीर बदल जाए;<br/>
हमें क्या पता कि टूटे आईने के हर टुकड़े में;<br/>
फिर वही तस्वीर नज़र आएगी।Upload to Facebook
    आईना हमने तोड़ दिया है इस ख्याल से;
    कि शायद हमारी तक़दीर बदल जाए;
    हमें क्या पता कि टूटे आईने के हर टुकड़े में;
    फिर वही तस्वीर नज़र आएगी।
  • छुप-छुप कर तन्हा रो लूंगा;
    अब दिल का दर्द किसी से ना बोलूंगा;
    नींद तो आती नहीं रातों को मुझे;
    जब रुकेगी धड़कन तो जी भर के सो लूंगा।
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