दूरियों से फर्क पड़ता नहीं; बात तो दिलों की नज़दीकियों से होती है; दोस्ती तो कुछ आप जैसों से है; वरना मुलाकात तो जाने कितनों से होती है। |
जब कोई ख्याल दिल से टकराता है; दिल ना चाह कर भी, खामोश रह जाता है; कोई सब कुछ कहकर, प्यार जताता है; कोई कुछ ना कहकर भी, सब बोल जाता है। |
मत इंतज़ार कराओ हमे इतना; कि वक़्त के फैसले पर अफ़सोस हो जाये; क्या पता कल तुम लौटकर आओ; और हम खामोश हो जाएँ। |
अच्छा दोस्त तकिये के जैसा होता है; मुश्किल में सीने से लगा सकते हैं; दुःख में उस पे रो सकते हैं; खुशी में गले लगा सकते हैं; और... . . . . . . गुस्से में लात भी मार सकते हैं। |
निकलते हैं तेरे आशियाँ के आगे से; सोचते हैं की तेरा दीदार हो जायेगा; खिड़की से तेरी सूरत न सही तेरा साया तो नजर आएगा। |
आपसे दूर जाने का इरादा भी ना था; सदा साथ रहने का वादा भी ना था; आप भुल जाओगे हमे ये तो जानते थे; पर इतनी जल्दी भुल जाओगे ये अंदाजा ना था। |
अगर कुछ सीखना है तो आँखों को पढ़ना सीख लो; वरना लफ़्ज़ों के मतलब तो हज़ारों निकलते हैं। |
दो चार लोगों से रिश्ते बनाये रखिये; कब्र तक लाश को दौलत नहीं ले जाया करती। |
आपकी दोस्ती की एक नज़र चाहिए; दिल है बे-घर उसे एक घर चाहिए; बस यूँही साथ चलते रहो, ऐ दोस्त; यह दोस्ती हमें उम्र भर चाहिए। |
मोहब्बत का इशारा याद रहता है; हर प्यार को अपना प्यार याद रहता है; दो पल जो प्यार की बाहों में गुज़रे हों; मौत तक वो नज़ारा याद रहता है। |