तुम पास हो तो तुझपे प्यार आता है; तुम दूर हो तो तेरा इंतज़ार सताता है; क्या कहें इस दिल की हालत; तुझसे दूर होकर दिल बेक़रार हो जाता है। |
दोस्त हैं तो आँसुओं की भी शान होती है; दोस्त ना हो तो महफ़िल भी शमशान होती है; सारा खेल तो दोस्ती का है; वरना अरथी और बारात एक समान होती है। |
प्यार को पंछी समझ के प्यार करो; और उस पंछी को पिंजरे से आज़ाद कर के देखो; अगर लौट के आए तो अपना है; अगर ना आए तो सोचना कभी अपना था ही नही। |
दूरियां ही सही पर देरी तो नहीं; इंतज़ार भला पर जुदाई तो नहीं; मिलना बिछड़ना तो किस्मत है अपनी; आखिर इंसान हैं हम फ़रिश्ते तो नहीं। |
रिश्तों की ये दुनियाँ है निराली; सब रिश्तों से प्यारी है दोस्ती तुम्हारी; मंज़ूर है आँसू भी आँखों में हमारी; अगर आ जाए मुस्कान होठों पे तुम्हारी। |
ढलती शाम का खुला एहसास है; मेरे दिल में तेरी जगह कुछ ख़ास है; तुम दूर हो, ये मालूम है मुझे; पर दिल कहता है तू यहीं मेरे आस-पास है। |
दोस्ती ग़ज़ल है गाने के लिए; दोस्ती नगमा है सुनाने के लिए; ये वो जज़बा है जो सब को नहीं मिलता; क्योंकि आप जैसा दोस्त चाहिए निभाने के लिए। |
गिला रहे हमसे, शिकवा रहे हमसे; आरज़ू या बस यूँ ही एक सिलसिला रहे हमसे; फासले हों दरमियान, या खता हो कोई; दुआ है बस यही कि नज़दीकियां रहें हमसे। |
ग़म में हँसने वालों को कभी रुलाया नहीं जाता; लहरों से पानी को हटाया नहीं जाता; होने वाले हो जाते हैं खुद ही दिल से जुदा; किसी को जबर्दस्ती दिल में बसाया नहीं जाता। |
ऐ मोहब्बत तेरे अंजाम पे रोना आया; जाने क्यों आज तेरे नाम पे रोना आया; यूँ तो हर बात शाम उम्मीदों में गुज़र जाती है; आज कुछ बात है जो शाम पे रोना आया। |