Emotions Hindi SMS

  • नज़र नवाज़ नज़रों में ज़ी नहीं लगता;<br/>
फ़िज़ा गई तो बहारों में ज़ी नहीं लगता;<br/>
ना पूछ मुझसे तेरे ग़म में क्या गुजरती है;<br/>
यही कहूंगा हज़ारों में ज़ी नहीं लगता।Upload to Facebook
    नज़र नवाज़ नज़रों में ज़ी नहीं लगता;
    फ़िज़ा गई तो बहारों में ज़ी नहीं लगता;
    ना पूछ मुझसे तेरे ग़म में क्या गुजरती है;
    यही कहूंगा हज़ारों में ज़ी नहीं लगता।
  • किसी ने सच कहा है: जब दीवारों में दरार पड़ती है तो दीवारें गिर जाती हैं,<br/>
लेकिन जब रिश्तों में दरार पड़ती है तो कभी ना गिरने वाली दीवारें बन जाती हैं।Upload to Facebook
    किसी ने सच कहा है: जब दीवारों में दरार पड़ती है तो दीवारें गिर जाती हैं,
    लेकिन जब रिश्तों में दरार पड़ती है तो कभी ना गिरने वाली दीवारें बन जाती हैं।
  • खामोशियों की भी धीमी सी आवाज़ है;<br/>
तन्हाईयों में भी एक गहरा राज़ है;<br/>
मिलते नही हैं सबको अच्छे दोस्त यहाँ;<br/>
आप जो मिले हो हमें खुद पर नाज़ है।Upload to Facebook
    खामोशियों की भी धीमी सी आवाज़ है;
    तन्हाईयों में भी एक गहरा राज़ है;
    मिलते नही हैं सबको अच्छे दोस्त यहाँ;
    आप जो मिले हो हमें खुद पर नाज़ है।
  • मुझको फिर वो सुनहरा नज़ारा मिल गया;<br/>
नज़रों को जो दीदार तुम्हारा मिल गया;<br/>
और किसी चीज़ की तमन्ना क्यों करूँ;<br/>
जब मुझे तेरी बाहों में सहारा मिल गया!<br/>
शुक्रिया!Upload to Facebook
    मुझको फिर वो सुनहरा नज़ारा मिल गया;
    नज़रों को जो दीदार तुम्हारा मिल गया;
    और किसी चीज़ की तमन्ना क्यों करूँ;
    जब मुझे तेरी बाहों में सहारा मिल गया!
    शुक्रिया!
  • मैंने सुना था प्यार ख़ुदा की मूरत होता है, पर यह भूल गया था कि वो धरती पे पत्थर के रूप में है।Upload to Facebook
    मैंने सुना था प्यार ख़ुदा की मूरत होता है, पर यह भूल गया था कि वो धरती पे पत्थर के रूप में है।
  • बेवफ़ा से प्यार नहीं होता;<br/>
मरने के बाद इंतज़ार नहीं होता;<br/>
दोस्ती देख कर करना मेरे दोस्त;<br/>
हर दोस्त हमारी तरह वफ़ादार नहीं होता।Upload to Facebook
    बेवफ़ा से प्यार नहीं होता;
    मरने के बाद इंतज़ार नहीं होता;
    दोस्ती देख कर करना मेरे दोस्त;
    हर दोस्त हमारी तरह वफ़ादार नहीं होता।
  • क्यों मुश्किलों में साथ देते हैं, दोस्त;<br/>
क्यों ग़म को बाँट लेते हैं दोस्त;<br/>
ना रिश्ता ख़ून से ना रिवाज़ से बंधा;<br/>
फ़िर भी ज़िंदगी भर साथ देते हैं, दोस्त।Upload to Facebook
    क्यों मुश्किलों में साथ देते हैं, दोस्त;
    क्यों ग़म को बाँट लेते हैं दोस्त;
    ना रिश्ता ख़ून से ना रिवाज़ से बंधा;
    फ़िर भी ज़िंदगी भर साथ देते हैं, दोस्त।
  • किस तरह से शुक्रिया कहें आपको;<br/>
ज़मीन से उठा कर दिल में बिठा लिया;<br/>
नज़रों में समां कर, पलकों पे सजा दिया;<br/>
इतना प्यार दिया आपने हमको, कि मेरे बिखरे शब्दों को कविता बना दिया!<br/>
शुक्रिया!Upload to Facebook
    किस तरह से शुक्रिया कहें आपको;
    ज़मीन से उठा कर दिल में बिठा लिया;
    नज़रों में समां कर, पलकों पे सजा दिया;
    इतना प्यार दिया आपने हमको, कि मेरे बिखरे शब्दों को कविता बना दिया!
    शुक्रिया!
  • गलतियों से जुदा तु भी नहीं, मैं भी नहीं;<br/>
दोनों इंसान हैं, ख़ुदा तु भी नहीं, मैं भी नहीं;<br/>
गलतफहमियों ने कर दी दोनों में पैदा दूरियां;<br/>
वरना फितरत का बुरा तु भी नहीं था, मैं भी नहीं!Upload to Facebook
    गलतियों से जुदा तु भी नहीं, मैं भी नहीं;
    दोनों इंसान हैं, ख़ुदा तु भी नहीं, मैं भी नहीं;
    गलतफहमियों ने कर दी दोनों में पैदा दूरियां;
    वरना फितरत का बुरा तु भी नहीं था, मैं भी नहीं!
  • तेरी दोस्ती हम इस तरह निभाएँगे;<br/>
तुम रोज़ खफा होना हम रोज़ मनाएँगे;<br/>
पर तुम मान जाना मनाने से;<br/>
वरना ये भीगी पलकें ले के हम कहाँ जाएँगे।Upload to Facebook
    तेरी दोस्ती हम इस तरह निभाएँगे;
    तुम रोज़ खफा होना हम रोज़ मनाएँगे;
    पर तुम मान जाना मनाने से;
    वरना ये भीगी पलकें ले के हम कहाँ जाएँगे।
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