तुम मुझे भूल कर तो देखो; हर ख़ुशी रूठ जाएगी; जब अकेले तुम बैठोगे; खुद-ब-खुद मेरी याद आएगी। |
तेरे हाथ की काश मैं वो लकीर बन जाऊं; काश मैं तेरा मुक़द्दर तेरी तक़दीर बन जाऊं; मैं तुम्हें इतना चाहूँ कि तुम भूल जाओ हर रिश्ता; सिर्फ मैं ही तुम्हारे हर रिश्ते की तस्वीर बन जाऊं; तुम आँखें बंद करो तो आऊं मैं ही नज़र; इस तरह मैं तुम्हारे हर ख्वाब की ताबीर बन जाऊं! |
महक दोस्ती की इश्क़ से कम नहीं होती; इश्क़ पर ज़िंदगी खत्म नहीं होती; साथ अगर हो ज़िंदगी में अच्छे दोस्तों का; तो ज़िंदगी ज़न्नत से कम नहीं होती। |
बहुत दिनों से मैं भूला हुआ था दोस्तों को; आज फ़िल्म "कमीने" देखी तो सब याद आ गए। |
ख़ूबियाँ इतनी तो नहीं है हम में; कि हम आपको हर पल याद आयेंगे; पर इतना ऐतबार है हमें खुद पर; कि आप कभी हमें भूल ना पायेंगे। |
यादों में हम रहें हमेशा यही एहसास रखना; नज़रों से दूर पर दिल के पास रखना; हम यह नहीं कहते कि साथ रहो; दूर से ही पर दुआयों में याद रखना। |
उल्फ़त में कभी यह हाल होता है; आँखें हस्ती हैं मगर दिल रोता है; मानते हैं हम जिसे मंज़िल अपनी; हमसफ़र उसका कोई और होता है! |
दिन आते हैं, दिन जाते हैं; कुछ लम्हे आपके बिन भी गुज़र जाते हैं; इन्हीं लम्हों को समेट के देखें तो; आप जैसे नालायक दोस्त बहुत याद आते हैं। |
भुला ना सकोगे मुझे भूल कर तुम; मैं अक्सर तुम्हें याद आता रहूँगा; कभी ख़्वाब बन कर कभी याद बन कर; मैं नींद तुम्हारी चुराता रहूँगा। |
आँखें बंद करके रोता हूँ तो लगता है तुझे मैं रोया नहीं; सदियों तक जागा हूँ मैं तेरे इंतज़ार में सोया नहीं; प्यार में पाया क्या है यह मुझे मालूम नहीं है; पर तेरे सिवा ज़िंदगी में मैंने कुछ खोया नहीं। |