Interesting Hindi SMS

  • दूसरों की ज़िन्दगी में आग लगाने वालों को भी लोहड़ी की शुभकामनायें!Upload to Facebook
    दूसरों की ज़िन्दगी में आग लगाने वालों को भी लोहड़ी की शुभकामनायें!
  • आखिर बन ही गयी, वैक्सीन `कोरोना` की भी;<br/>
एक `इश्क़` ही है, जो `ला-इलाज` रहा!Upload to Facebook
    आखिर बन ही गयी, वैक्सीन "कोरोना" की भी;
    एक "इश्क़" ही है, जो "ला-इलाज" रहा!
  • दीपिका ने विरोध किया इसलिए उसकी फिल्म नहीं देखेंगे!<br/>
अब किसान भी विरोध कर रहे हैं तो अन्न खाना भी छोड़ दोगे क्या?<br/>
#KisaanEktaZindabadUpload to Facebook
    दीपिका ने विरोध किया इसलिए उसकी फिल्म नहीं देखेंगे!
    अब किसान भी विरोध कर रहे हैं तो अन्न खाना भी छोड़ दोगे क्या?
    #KisaanEktaZindabad
  • दोस्ती नहीं है किसी दौलत की मोहताज़,<br/>
कृष्णा के अलावा कौन सी दौलत थी सुदामा के पास!Upload to Facebook
    दोस्ती नहीं है किसी दौलत की मोहताज़,
    कृष्णा के अलावा कौन सी दौलत थी सुदामा के पास!
  • दो पल की ज़िन्दगी के दो नियम,<br/>
किसी को प्रेम देना सबसे बड़ा उपहार है और किसी का प्रेम पाना सबसे बड़ा सम्मान है!Upload to Facebook
    दो पल की ज़िन्दगी के दो नियम,
    किसी को प्रेम देना सबसे बड़ा उपहार है और किसी का प्रेम पाना सबसे बड़ा सम्मान है!
  • इश्क़ वो जुआ है मेरे दोस्त;<br/>
जहाँ हुकुम क इक्का भी रानी के सामने झुकता है!Upload to Facebook
    इश्क़ वो जुआ है मेरे दोस्त;
    जहाँ हुकुम क इक्का भी रानी के सामने झुकता है!
  • ज़िन्दगी को जनवरी सपने दिखाती है और दिसंबर आइना!Upload to Facebook
    ज़िन्दगी को जनवरी सपने दिखाती है और दिसंबर आइना!
  • विश्व के मुक़ाबले भारत में कोरोना संक्रमण कम है!<br/>
क्योंकि हमारे यहाँ हाथ मिलाने से ज़्यादा टाँग खींचने की परंपरा है!Upload to Facebook
    विश्व के मुक़ाबले भारत में कोरोना संक्रमण कम है!
    क्योंकि हमारे यहाँ हाथ मिलाने से ज़्यादा टाँग खींचने की परंपरा है!
  • दिल की ख़ूबसूरती की बात करता है ज़माना...<br/>
मगर सच्चाई ये है कि मोहब्बत की शुरुआत पहले चेहरे से होती थी, अब पैसे से होती है!Upload to Facebook
    दिल की ख़ूबसूरती की बात करता है ज़माना...
    मगर सच्चाई ये है कि मोहब्बत की शुरुआत पहले चेहरे से होती थी, अब पैसे से होती है!
  • इत्र, मित्र, चित्र और चरित्र किसी के पहचान के मोहताज़ नहीं;<br/>
ये चारों अपना परिचय स्वंय देते हैं!Upload to Facebook
    इत्र, मित्र, चित्र और चरित्र किसी के पहचान के मोहताज़ नहीं;
    ये चारों अपना परिचय स्वंय देते हैं!
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