आ तेरी उम्र मैं लिख दूँ चाँद सितारों से; तेरा जन्मदिन मैं मनाऊँ फूल-बहारों से; हर एक ख़ूबसूरती दुनिया से मैं ले आऊं; सजाऊँ ये महफ़िल दुनिया के हसीन नज़ारों से। जन्मदिन मुबारक! |
ये आरज़ू नहीं कि किसी को भुलाएं हम; ना तमन्ना है किसी को रुलाएं हम; पर दुआ है उस रब से बस एक यही; जिसको जितना याद करते हैं उसको उतना याद आये हम। शुभ रात्रि! |
यह भी एक दुआ है खुदा से, किसी का दिल न दुखे हमारी वजह से; ऐ खुदा कर दे कुछ ऐसी इनायत हम पे; कि खुशियां ही मिलें सबको हमारी वजह से। सुप्रभात! |
जब भी चाँद पर काली घटा छा जाती है; चाँदनी भी यह देख फिर शर्मा जाती है; लाख छिपाएं हम दुनिया से यह मगर; जब भी होते हैं अकेले तेरी याद आ जाती है। शुभ रात्रि! |
चाहते तो हैं कि हर रोज़ सुबह आपको अनमोल खज़ाना भेजूं; पर मेरे दामन में दुआओं के सिवा कुछ भी नहीं। सुप्रभात! |
रात का चाँद तुम्हें सलाम करे; परियों की आवाज़ तुम्हें आदाब करे; सारी दुनिया को खुश रखने वाला वो रब्ब; हर पल तुम्हारी खुशियों का ख्याल करे। शुभ रात्रि! |
इस प्यारी सी सुबह में, प्यारे से मौसम में, ठंडी ठंडी हवाओं के साथ, तुम्हें मिलें जीवन की सारी खुशियां, इसी दुआ के साथ कहते हैं आपको हम सुप्रभात। सुप्रभात! |
पास चाहे दूर जहाँ भी रहो तुम; मेरी दुआयें रहेंगी साथ तुम्हारे हर दम; हो खुशियों का बसेरा तुम्हारे लिए; बस यही दुआ है आपके लिए। जन्मदिन मुबारक! |
होंठ कह नहीं सकते जो फ़साना दिल का; शायद नज़र से वो बात हो जाये; इस उम्मीद में करते हैं इंतज़ार रात का; कि शायद सपनों में आपसे मुलाक़ात हो जाये। शुभ रात्रि! |
ऐ सुबह तू जब भी आना, सब के लिए तू खुशियां लाना; हर चेहरे पर हँसी सजाना, हर आँगन में फूल खिलाना। सुप्रभात! |