तमन्नाओ से भरी हो ज़िंदगी; ख्वाहिशों से भरा हो हर पल; दामन भी छोटा लगने लगे; इतनी खुशियां दे आपको आने वाला पल। सुप्रभात! |
दिल में, होंठों पे बस एक ही दुआ रहती है; हर घडी मुझे आप की ही परवाह रहती है; खुदा हर ख़ुशी बख्शे आपको; हर दुआ में यही गुज़ारिश रहती है। शुभ रात्रि! |
कदम-कदम पे सुनहरे फूल खिलें; ना हो कभी काँटों का सामना; ज़िंदगी आपकी यूँ ही खुशियों से भरी रहे; करते हैं हम हरदम यही कामना। सुप्रभात! |
ख्वाहिशों के समंदर के सब मोती तेरे नसीब हो; तेरे चाहने वाले हमसफ़र तेरे हरदम करीब हों; कुछ यूँ उतरे तेरे लिए रहमतों का मौसम; कि तेरी हर दुआ, हर ख्वाहिश कबूल हो। शुभ रात्रि! |
रात ढली, चाँद थका, समय ने ली अँगड़ाई है; प्रकृति के हर कण में जीवन भरने, अब स्वर्णिम किरणे आई हैं। सुप्रभात! |
ज़िन्दगी में ना ज़ाने कौनसी बात आखिरी होगी; ना ज़ाने कौन सी रात आखिरी होगी; मिलते, जुलते, बातें करते रहो एक दूसरे से; ना जाने कौन सी मुलाक़ात आखिरी होगी। शुभ रात्रि! |
क्या बतायें कि क्या होता है आपके आने से; बहार भी आ जाती है आपके आने से; फूल भी खिल जाते हैं आपकी आहट से; हर सुबह होती है आपके ही मुस्कुराने से। सुप्रभात! |
सपनो की दुनिया में हम खोते चले गए; होश में थे मगर मदहोश होते चले गए; जाने क्या बात थी उनकी आवाज़ में; न चाहते हुए भी उनके होते चले गए। शुभ रात्रि! |
एक नयी सी सुबह चुरा के लाये हैं; दिल में एक नया एहसास भरने आये हैं; नींद की ख़ामोशी में जो लिपटे हुए हैं; उन्हें प्यार से जगाने आये हैं। सुप्रभात! |
जीवन के हर मोड़ पर खुशियों को आने दो; जुबां पर हर वक्त मिठास को रहने दो; ना रहो उदास और ना किसी को रहनो दो। शुभ रात्रि! |