ए खूबसूरत चाँद मेरे दोस्त को प्यारा सा यह तोहफा देना; हज़ारों सितारों की महफ़िल के संग उनको खुशियों की रौशनी देना; छुपा लेना हर ग़म का अँधेरा अपने अंदर; मेरे दोस्त को मीठे सपनों का ये नज़राना देना। शुभ रात्रि! |
जो वादा किया है तो निभायेंगे; सूरज की किरण बनकर तेरी चौखट पर आयेंगे; हम हैं तो किस बात का ये ग़म; तेरी हर सुबह को फूलों से सजायेंगे। सुप्रभात! |
मुस्कान आपके होंठों से जाये कभी न; आँसू आँखों में आयें कभी न; दिल से दुआ हो कि हर सपना हो पूरा आपका; जो पूरा न हो वो सपना आये कभी न। शुभ रात्रि! |
ये खूबसूरत फ़िज़ाओं में फूलों की खुशबु हो; सुबह की किरण में पंछियों की आवाज़ हो; कभी भी खोलो अपनी ये निगाहें; उन निगाहों में सिर्फ खुशियों की झलक हो। सुप्रभात! |
निकल गया है चाँद और निखर गए हैं सितारे; सो गए हैं पंछी और सुंदर हैं नज़ारे; सो जाओ आप भी और देखो सपने नए-निराले। शुभ रात्रि! |
सुबह का उजाला हर आपके साथ हो; हर दिन का एक-एक पल आपके लिए कुछ खास हो; दुआ हर पल निकलती है सच्चे दिल से; ढेरों खुशियों का खज़ाना आपके पास हो। सुप्रभात! |
हमें नहीं पता कि कौन सी बात आखिरी हो; ना जाने कि कौन सी मुलाक़ात आखिरी हो; इसलिए सबको याद करके सोते हैं हम; पता नहीं कि ज़िंदगी की कौन सी रात आखिरी हो। शुभ रात्रि! |
आसमान में सूरज निकल आया है; फ़िज़ाओं में एक नया रंग छाया है; ज़रा मुस्कुरा दो, न यूँ खामोश रहो; आपकी मुस्कान को देखने ही तो, यह हसीन सवेरा आया है। सुप्रभात! |
दिल चाहता है तुमसे प्यारी सी बात हो; खामोश तराने हों, लंबी सी रात हो; फिर उनसे रात भर यही मेरी बात हो; तुम मेरी ज़िंदगी हो, तुम ही मेरी कायनात हो। शुभ रात्रि! |
सुबह होते ही जब दुनिया आबाद होती है; आँख खुलते ही आपकी याद आती है; खुशियों के फूल हों आपके आँचल में; मेरे होंठों पे यही पहली फरियाद होती है। सुप्रभात! |