ख़ुशी से दिल को आबाद करना; ग़म को दिल से आज़ाद करना; बस इतनी गुज़ारिश है आपसे कि; हो सके तो सप्ताह में एक बार याद जरुर करना। शुभ सप्ताहंत! |
इन अंधेरों के लिए कुछ आफताब मांगे हैं; दुआ में हमने दोस्त कुछ ख़ास मांगे हैं; जब भी मांगा कुछ रब्ब से; तो आपके लिए खुशियों के पल हज़ार मांगे हैं। शुभ रात्रि! |
तुम्हारी पसंद हमारी चाहत बन जाये; तुम्हारी मुस्कुराहट दिल की राहत बन जाये; खुदा खुशियों से इतना खुश कर दे आपको; कि आपको खुश देखना हमारी आदत बन जाये। सुप्रभात! |
अपना हमसफ़र तू बना ले मुझे; तेरा ही साया हूँ बस अपना ले मुझे; ये रात का सफर और भी हसीन हो जायेगा; तू आ जा मेरे सपनों में या बुला ले मुझे। शुभ रात्रि! |
ऐसे ख़ुशियों से तेरा नाता गहरा हो; तू जहाँ रखे कदम तो रौशन चार-चुफेरा हो; तू सोये तो मन-पसंद सपने देखे; जब आँख खुले तो सब कुछ तेरा हो। सुप्रभात! |
खुद में हम कुछ इस तरह खो जाते हैं; सोचते हैं आपको तो आपके ही हो जाते हैं; नींद नहीं आती रातों में पर; आपको ख्वाबों में देखने के लिए सो जाते हैं। शुभ रात्रि! |
जैसे सूरज के बिना सुबह नहीं होती; चाँद के बिना रात नहीं होती; बादल के बिना बरसात नहीं होती; वैसे ही आपकी याद के बिना दिन की शुरुआत नहीं होती। सुप्रभात! |
हम आपके जन्मदिन पर देते हैं यह दुआ; हम और तुम होंगे न कभी जुदा; जीवन भर साथ देंगे अपना है यह वादा; तुझ पर अपनी जान भी वार देंगे, ऐसा है अपना इरादा। जन्मदिन मुबारक! |
रह-रह कर तेरी याद आये तो क्या करें; तुम्हारी याद दिल से न जाये तो क्या करें; सोचा था ख्वाब में मुलाक़ात होगी; इस ख़ुशी में नींद न आये तो क्या करें। शुभ रात्रि! |
सुबह होते ही जब दुनिया आबाद होती है; आँख खुलते ही आपकी याद होती है; खुशियों के फूल हों आपके आँचल में; ये मेरे होंठों पे पहली फरियाद होती है। सुप्रभात! |