मीठी मीठी याद पलकों में सजा लेना; साथ गुज़रे पल को दिल में बसा लेना; चाहे ना आओ दिल में; मगर मुस्कुरा कर मुझे सपनो में बुला लेना। शुभ रात्रि! |
सुबह सुबह ज़िन्दगी की शुरुआत होती है; किसी अपने से बात हो तो हर सुबह खास होती हैं; हंस के प्यार से अपनों को सुप्रभात बोल दो; फिर तो ख़ुशी अपने आप साथ होती है। सुप्रभात! |
रब तू अपना जलवा दिखा दे; उनकी ज़िन्दगी को भी अपने नूर से सजा दे; रब मेरे दिल की ये दुआ है; मालिक मेरे दोस्त के सपने हकीक़त बना दे। शुभ रात्रि! |
रात गुजारी फिर महकती सुबह आई; दिल धड़का फिर तुम्हारी याद आई; आँखों ने महसूस किया उस हवा को; जो तुम्हें छू कर हमारे पास आई। सुप्रभात! |
मीठी रातों में धीरे से आ जाती है एक परी; ख़ुशी के सपने साथ लाती है एक परी; कहती है सपनों के सागर में डूब जाओ; भूल के सारे दर्द, जल्दी से सो जाओ। शुभरात्रि! |
सुबह-सुबह आपको सताना अच्छा लगता है; प्यारी नींद से जगाना हमें अच्छा लगता है; जब याद किसी की आती हैं हमें; तो उसे अपनी याद दिलाना भी अच्छा लगता है। सुप्रभात! |
गुलाब खिलते रहें ज़िंदगी की राह् में; हँसी चमकती रहे आप की निगाह में; खुशी की बहार मिले हर कदम पर आपको; देता हे ये दिल दुआ बार-बार आपको। जन्मदिन मुबारक! |
दुनिया जिसे नींद कहती है; जाने वो क्या चीज़ होती है; आँखें तो हम भी बंद करते हैं सोने के लिए; पर यह सब तो उनसे मिलने की तरकीब होती है। शुभरात्रि! |
ये सुबह जितनी खूबसूरत है, उतना ही खूबसूरत आपका हर एक पल हो; जितनी भी खुशियाँ आपके पास आज हैं, उससे भी ज्यादा कल हों। सुप्रभात! |
दोस्त हो आप मेरे ये बात बताना चाहता हूँ; दोस्ती का एहसास आपको दिलाना चाहता हूँ; आप तो हमारे लिए हो एक चाँद जैसे; जिसे हर रात सोने से पहले देखना चाहता हूँ। शुभ रात्रि! |