सूरज की किरण रौशनी लाती है; उठते ही आपकी याद आती है; हम तो जाग गए आपकी यादों की दस्तक से; अब देखना है आपको हमारी याद कब आती है। सुप्रभात! |
ऐ रब तू अपना जलवा दिखा दे; उनकी ज़िंदगी को भी अपने नूर से सजा दे; बस मेरे दिल की यह दुआ है मालिक, इस मैसेज को पढ़ने वाले के सपने को हक़ीक़त बना दे। शुभ रात्रि! |
सुबह सुबह ज़िन्दगी की शुरुआत होती है; किसी अपने से बात हो तो खास होती है; हंस के प्यार से अपनों को सुप्रभात बोलो तो; खुशियाँ अपने आप साथ होती हैं! सुप्रभात! |
सोया रहने दे मेरे दोस्त को यूँ नींद के ठंडे आग़ोश में; कहीं वो उठ ना जाए ऐ सूरज ज़रा ठहर के निकलना। सुप्रभात! |
ये दिन, ये महीना, ये तारीख, जब जब आई; हम ने कितने प्यार से जन्म दिन की महफ़िल सजाई; हर शाम पर नाम लिख दिया आपका; हर शाम में हो चाँद जैसी तेरी सूरत समाई। जन्म दिन मुबारक! |
एक बार जान माँग के तो देखो, एक बार याद कर के तो देखो; अगर हम ना आए तो समझ लेना, शहज़ादे सो रहे हैं। शुभ रात्रि! |
ख़ुशी से बीते हर दिन, हर सुहानी रात हो; जिस तरफ आपके कदम पड़ें, वहाँ फूलों की बरसात हो। जन्म दिन मुबारक हो! |
इस भाग दौड़ भरी ज़िंदगी में, समय की आपाधापी में; हमने तो यही जाना है कि हर वो शख्स दुखी है, जिसे सोमवार को वापिस काम पर जाना है। शुभ सप्ताह! |
फूल बिना खुशबू बेकार है; चाँद बिना चाँदनी बेकार है; प्यार बिना ज़िंदगी बेकार है; और मेरे सुप्रभात संदेश के बिना आपका दिन बेकार है। सुप्रभात! |
निकलता नहीं है कोई दिल में बस जाने के बाद; दिल दुखता है बिछड़ जाने के बाद; पास जो होता है तो क़दर नहीं होती उसकी; महसूस होती है कमी उनके दूर जाने के बाद। शुभ रात्रि! |