कोई तुम्हारे कंधे पर हाथ रखता है तो तुम्हारा हौसला बढ़ता है, जब किसी का हाथ कंधे पर नहीं होता तुम अपनी शक्ति खुद बन जाते हो और वही शक्ति ईश्वर है। |
जिस तरह फूल पौधों के उचित विकास के लिए समय समय पर काट छांट ज़रूरी है ठीक उसी तरह बच्चों को उचित बात सिखाने के लिए समय समय पर डांट ज़रूरी है। |
हिंदी हमारी मातृभाषा है, हमारा गर्व है, लेकिन क्या करें-दूर के ढोल सुहाने लगते हैं और उस ढोल पर चाल (स्टाइल) बदल जाती है। |
जहाँ सारे तर्क ख़त्म हो जाते हैं, वहाँ से आध्यात्म शुरू होता है। |
गलत को गलत कहना हमें आसान नहीं लगता, सही इतना कमज़ोर होता है, इतना अकेला कि, उसके ख़िलाफ़ ही जंग का ऐलान आसान लगता है। |