मैं हर एक वस्तु में हूँ और उससे परे भी, मैं सभी रिक्त स्थान को भरता हूँ! |
अपने गुरु में पूर्ण रूप से विश्वास करें। यही साधना है। |
मैं हर एक वस्तु में हूँ और उससे परे भी, मैं सभी रिक्त स्थान को भरता हूँ| |
मैं निराकार हूँ और सर्वत्र हूँ| |
यदि कोई सिर्फ और सिर्फ मुझको देखता है और मेरी लीलाओं को सुनता है और खुद को सिर्फ मुझमें समर्पित करता है तो वह भगवान तक पंहुच जायेगा| |
यदि कोई सिर्फ और सिर्फ मुझको देखता है और मेरी लीलाओं को सुनता है और खुद को सिर्फ मुझमें समर्पित करता है तो वह भगवान तक पंहुच जायेगा| |
अपने गुरु में पूर्ण रूप से विश्वास करें, यही साधना है! |
जीवन की दुर्घटनाओं में अक्सर बड़े महत्व के नैतिक पहलू छिपे हुए होते है। |
यदि कोई कितनी ही निंदा क्यों ना करे, फिर कटु उत्तर दे कर तुम उस पर क्रोध ना करो। यदि इस प्रकार से इन प्रसंगो से बचते रहोगे तो निश्चित है कि तुम सदा सुखी रहोगे। |
यदि तुम मुझे अपने विचारों और उद्देश्य की एकमात्र वस्तु रखोगे, तो तुम सर्वोच्च लक्ष्य प्राप्त करोगे। |