जैसे सूर्य आकाश में छुप कर नहीं विचर सकता उसी प्रकार महापुरुष भी संसार में गुप्त नहीं रह सकते। |
उन्नति की क्षमता रखने वालों पर समय-समय पर आपत्ति आती है। |
अधिक बलवान तो वे ही होते हैं जिनके पास बुद्धि बल होता है। जिनमें केवल शारीरिक बल होता है, वे वास्तविक बलवान नहीं होते। |
प्राप्त हुए धन का उपयोग करने में दो भूलें हुआ करती हैं, जिन्हें ध्यान में रखना चाहिए। अपात्र को धन देना और सुपात्र को धन न देना। |
नियम के बिना और अभिमान के साथ किया गया तप व्यर्थ ही होता है। |
दुख को दूर करने की एक ही अमोघ ओषधि है - मन से दुखों की चिंता न करना। |
वैर के कारण उत्पन्न होने वाली आग एक पक्ष को स्वाहा किए बिना कभी शांत नहीं होती। |
जो भी यहाँ हो रहा है उसका कारण प्राकृति है। अहंकार से मोहित, मूर्ख ऐसी धारणा बना लेते हैं कि यह मैंने किया है। |
उन्नति की क्षमता रखने वालों पर ही समय-समय पर आपत्ति आती है। |
प्राप्त हुए धन का उपयोग करने में दो भूलें हुआ करती हैं, जिन्हें ध्यान में रखना चाहिए। अपात्र को धन देना और सुपात्र को धन न देना। |