रिश्तों से बड़ी चाहत और क्या होगी; दोस्ती से बड़ी इबादत और क्या होगी; जिसे दोस्त मिल जाये कोई आप जैसा; उसे ज़िंदगी से शिकायत और क्या होगी। |
ज़िंदगी नहीं हमें ये रिश्ता है प्यारा; रिश्तों के प्यार से ही खिलता है दिल हमारा; आँखों में हमारी आँसू है तो क्या गम है; इस बात की ख़ुशी है कि मुस्कुरा रहा है कोई जान से प्यारा। |
कुछ बिखरे सपने और आँखों में नमी है; एक छोटा सा आसमान और उमीदों की ज़मीं है; यूँ तो बहुत कुछ है ज़िंदगी में; बस जिसे चाहते हैं उसी की कमी है। |
तेरी बेरुखी को भी रुतबा दिया हमने; प्यार का हर फ़र्ज़ भी अदा किया हमने; मत सोच कि हम भूल गए हैं तुझे; आज भी खुदा से पहले तुझे याद किया है हमने। |
उस अजनबी से मुझे इतना प्यार क्यों है; इंकार करने पर भी चाहत का इकरार क्यों है; उसे पाना नहीं मेरी तकदीर में शायद; फिर हर मोड़ पे उसी का इंतज़ार क्यों है। |
कुछ पल में ज़िंदगी की तस्वीर बन जाती है; कुछ पल में ज़िंदगी की तक़दीर बदल जाती है; कर दो हमे माफ़ तुम ना होना यूँ हमसे खफा ऐ मेरे दोस्त; क्योंकि इसी रुस्वाई से पूरी ज़िंदगी बिखर जाती है। |
तुझसे दूर अब हम जा नहीं सकते; तुझसे प्यार कितना है यह हम बता नहीं सकते; हमें मालूम है ये ज़िन्दगी है चार दिन की लेकिन; तेरे बिन ये चार दिन तो क्या दो पल भी हम बिता नहीं सकते। |
दुनियादारी में हम थोड़े कच्चे हैं; पर दोस्ती के मामले में सच्चे है; हमारी सच्चाई बस इस बात पर कायम है; कि हमारे दोस्त हमसे भी अच्छे हैं। |
अगर जिंदगी में जुदाई न होती; तो कभी किसी की याद न आई होती; अगर साथ गुजरा होता, हर लम्हा; तो शायद रिश्तों में इतनी, गहराई न होती। |
ज़िंदगी गुज़र जाये पर प्यार कम ना हो; याद हमे रखना चाहे पास हम ना हों; क़यामत तक चलता रहे प्यार का सफर; यही अरमां है हमारा कि यह रिश्ता कभी ख़त्म ना हो। |