बड़ी मुश्किल में हूँ कैसे इज़हार करूँ; वो तो खुशबू है उसे कैसे गिरफ्तार करूँ; उसकी मोहब्बत पर मेरा हक़ नहीं लेकिन; दिल करता है आखिरी साँस तक उसका इंतज़ार करूँ। |
इस कदर हमारी चाहत का इम्तिहान मत लीजिये; क्यों हो खफा ये बयां तो कीजिये; कर दीजिये माफ़ अगर हो गयी है कोई खता; यूँ याद न आकर सज़ा तो न दीजिये। |
न पीने का शौंक था न पिलाने का शौंक था; हमें तो सिर्फ नज़रें मिलाने का शौंक था; पर क्या करें हम नज़रें भी उनसे मिला बैठे; जिन्हे नज़रों से पिलाने का शौंक था। |
करीब इतना रहो कि रिश्तों में प्यार रहे; दूर भी इतना रहो कि आने का इंतजार रहे; रखो उम्मीद रिश्तों के दरमियां इतनी; कि टूटे उम्मीद मगर रिश्ता बरकरार रहे। |
तेरी दोस्ती में एक बहुत प्यार सा नशा है; तभी तो यह सारी दुनिया हमसे ख़फ़ा है; ना करो तुम हमसे इतनी दोस्ती; कि दिल ही हमसे पूछे बता तेरी धड़कन कहाँ है। |
साँस लेने से उसकी याद आती है; और ना लेने पे जान जाती है; कैसे कह दूँ की सिर्फ़ साँसों क सहारे जिंदा हूँ; कमब्खत साँस भी तो उसकी याद के बाद आती है। |
रूठना मत कभी हमें मनाना नहीं आता; दूर नहीं जाना हमें बुलाना नहीं आता; तुम भूल जाओ हमें यह तुम्हारी मर्ज़ी है; हम क्या करें हमें भुलाना नहीं आता। |
आँखें भी मेरी पलकों से सवाल करती हैं; हर वक़्त आपको ही याद करती हैं; जब तक न देख लें आपको; तब तक बस आप ही का इंतज़ार करती हैं। |
यह एक बात नोटिस की है मैंने कि जबसे फेसबुक पर Feeling का ऑप्शन आया है, . . . . . . . . लोग कुछ ज्यादा ही Feel करने लग गए हैं। |
दिल की ख्वाहिश को नाम क्या दूँ; प्यार का उसे पैगाम क्या दूँ; इस दिल में दर्द नहीं यादें हैं उसकी; अब यादें ही मुझे दर्द दें तो उसे इलज़ाम क्या दूँ। |