तुम हँसते हो मुझे हसाने के लिए; तुम रोते हो मुझे रुलाने के लिए; तुम एक बार रूठ कर तो देखो; मर जाएंगे तुम्हें मनाने के लिए। |
धोखा दिया था जब तुम ने मुझे; अपने दिल से मैं नाराज़ था; फिर सोचा दिल से तुझे मैं निकाल दूँ; मगर वह कम्बख्त दिल भी तुम्हारे पास था। |
पाने से खोने का मज़ा कुछ और है; बंद आँखों से देखने का मज़ा कुछ और है; आंसू बने लफ्ज़ और लफ्ज़ बने ग़ज़ल; तेरी यादों के साथ जीने का मज़ा कुछ और है। |
कुछ दिन से मेरे सामने आते नहीं हो तुम; आँखों में नूर बन के समाते नहीं हो तुम; सो रहा है गहरी नींद में एक उम्र से; इस बे-खबर को आ कर जगाते नहीं हो तुम। |
हर बात समझाने के लिए नहीं होती; ज़िंदगी हमेशा पाने के लिए नहीं होती; याद तो आती है आपकी हर पल; पर हर याद जताने के लिए नहीं होती। |
हम तो तुझे चाहते हैं हर पल; तू भी अपने होने का हक़ जता दे; कुछ और नहीं तो कर इतना कर्म; जहाँ तू याद ना आए वो जगह बता दे। |
वो जो हमारे लिए ख़ास होते हैं; जिनके लिए दिल में एहसास होते हैं; चाहे वक़्त कितना भी दूर कर दे उन्हें; पर दूर रहकर भी वो दिल के पास होते हैं। |
ना कभी मुस्कुराहट तेरे होंठों से दूर हो; तेरी हर ख्वाहिश हक़ीकत को मंज़ूर हो; हो जाए जो तू मुझसे खफा; खुदा ना करे मुझसे कभी ऐसा कसूर हो। |
इश्क़ कर देता है बेक़रार; भर देता है पत्थर के दिल में प्यार; हर एक को नहीं मिलती ज़िंदगी की यह बहार; क्योंकि इश्क़ का दूसरा नाम है इंतज़ार। |
दिल ले कर दिल तोड़ देना, ये प्यार का इनाम ना हो; प्यार हो ऐसा जिस पर कोई इलज़ाम ना हो; अगर कोई किसी का दिल ना तोड़े तो; यह प्यार कभी बदनाम ना हो। |