Emotions Hindi SMS

  • उनकी आँखों में काश कोई इशारा तो होता;
    कुछ मेरे जीने का सहारा तो होता;
    तोड़ देते हम हर रस्म जमाने की;
    एक बार ही सही उसने पुकारा तो होता।
  • ऐ ख़ुदा! तु कभी इश्क़ न करना बेमौत मारा जाएगा;<br/>
 
हम तो मर कर भी तेरे पास आते हैं पर तू कहाँ जाएगा।Upload to Facebook
    ऐ ख़ुदा! तु कभी इश्क़ न करना बेमौत मारा जाएगा;
    हम तो मर कर भी तेरे पास आते हैं पर तू कहाँ जाएगा।
  • दौलत की भूख ऐसी की, कि कमाने निकल गए;<br/>
दौलत मिली तो हाथ से रिश्ते निकल गए;<br/>
बच्चों के साथ रहने की फुर्सत ना मिल सकी और जब फुर्सत मिली तो बच्चे खुद ही दौलत कमाने निकल गए!Upload to Facebook
    दौलत की भूख ऐसी की, कि कमाने निकल गए;
    दौलत मिली तो हाथ से रिश्ते निकल गए;
    बच्चों के साथ रहने की फुर्सत ना मिल सकी और जब फुर्सत मिली तो बच्चे खुद ही दौलत कमाने निकल गए!
  • बहुत दूर मगर बहुत पास रहते हो;<br/>
आँखों से दूर मगर दिल के पास रहते हो;<br/>
मुझे बस इतना बता दो क्या तुम भी मेरे बिना उदास रहते हो!Upload to Facebook
    बहुत दूर मगर बहुत पास रहते हो;
    आँखों से दूर मगर दिल के पास रहते हो;
    मुझे बस इतना बता दो क्या तुम भी मेरे बिना उदास रहते हो!
  • भूल जाने का हौसला ना हुआ;
    दूर रह कर भी वो जुदा ना हुआ;
    उनसे मिल कर किसी और से क्या मिलते;
    कोई दूसरा उनके जैसा ना हुआ!
  • दुआ मांगी थी आशियाने की;
    चल पड़ी आँधियाँ ज़माने की;
    मेरा दर्द कोई नहीं समझ पाया;
    क्योंकि मेरी आदत थी माफ़ करके मुस्कुराने की।
  • जब किसी की सच्ची मोहब्बत मालूम करनी हो, तो उसके गुस्से में अपने लिए अलफ़ाज़ और जज़्बात देखो!
  • भगवान ने अगर यह रिश्ता बनाया ना होता;<br/>
एक दोस्त को दूसरे से मिलाया ना होता;<br/>
कैसे करूँ शुक्रिया मैं उस भगवान का;<br/>
मेरी तो ज़िंदगी हो जाती बेजान अगर मैंने तेरे जैसा दोस्त पाया ना होता!<br/>
शुक्रिया!Upload to Facebook
    भगवान ने अगर यह रिश्ता बनाया ना होता;
    एक दोस्त को दूसरे से मिलाया ना होता;
    कैसे करूँ शुक्रिया मैं उस भगवान का;
    मेरी तो ज़िंदगी हो जाती बेजान अगर मैंने तेरे जैसा दोस्त पाया ना होता!
    शुक्रिया!
  • दूरियों से फर्क पड़ता नहीं है, बात तो दिलों की नज़दीकियों से होती है;
    दोस्ती तो कुछ ख़ास आप जैसे से ही है, वरना मुलाक़ात ना जाने कितनों से होती है।
  • नज़र नवाज़ नज़रों में ज़ी नहीं लगता;<br/>
फ़िज़ा गई तो बहारों में ज़ी नहीं लगता;<br/>
ना पूछ मुझसे तेरे ग़म में क्या गुजरती है;<br/>
यही कहूंगा हज़ारों में ज़ी नहीं लगता।Upload to Facebook
    नज़र नवाज़ नज़रों में ज़ी नहीं लगता;
    फ़िज़ा गई तो बहारों में ज़ी नहीं लगता;
    ना पूछ मुझसे तेरे ग़म में क्या गुजरती है;
    यही कहूंगा हज़ारों में ज़ी नहीं लगता।
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