उनकी आँखों में काश कोई इशारा तो होता; कुछ मेरे जीने का सहारा तो होता; तोड़ देते हम हर रस्म जमाने की; एक बार ही सही उसने पुकारा तो होता। |
ऐ ख़ुदा! तु कभी इश्क़ न करना बेमौत मारा जाएगा; हम तो मर कर भी तेरे पास आते हैं पर तू कहाँ जाएगा। |
दौलत की भूख ऐसी की, कि कमाने निकल गए; दौलत मिली तो हाथ से रिश्ते निकल गए; बच्चों के साथ रहने की फुर्सत ना मिल सकी और जब फुर्सत मिली तो बच्चे खुद ही दौलत कमाने निकल गए! |
बहुत दूर मगर बहुत पास रहते हो; आँखों से दूर मगर दिल के पास रहते हो; मुझे बस इतना बता दो क्या तुम भी मेरे बिना उदास रहते हो! |
भूल जाने का हौसला ना हुआ; दूर रह कर भी वो जुदा ना हुआ; उनसे मिल कर किसी और से क्या मिलते; कोई दूसरा उनके जैसा ना हुआ! |
दुआ मांगी थी आशियाने की; चल पड़ी आँधियाँ ज़माने की; मेरा दर्द कोई नहीं समझ पाया; क्योंकि मेरी आदत थी माफ़ करके मुस्कुराने की। |
जब किसी की सच्ची मोहब्बत मालूम करनी हो, तो उसके गुस्से में अपने लिए अलफ़ाज़ और जज़्बात देखो! |
भगवान ने अगर यह रिश्ता बनाया ना होता; एक दोस्त को दूसरे से मिलाया ना होता; कैसे करूँ शुक्रिया मैं उस भगवान का; मेरी तो ज़िंदगी हो जाती बेजान अगर मैंने तेरे जैसा दोस्त पाया ना होता! शुक्रिया! |
दूरियों से फर्क पड़ता नहीं है, बात तो दिलों की नज़दीकियों से होती है; दोस्ती तो कुछ ख़ास आप जैसे से ही है, वरना मुलाक़ात ना जाने कितनों से होती है। |
नज़र नवाज़ नज़रों में ज़ी नहीं लगता; फ़िज़ा गई तो बहारों में ज़ी नहीं लगता; ना पूछ मुझसे तेरे ग़म में क्या गुजरती है; यही कहूंगा हज़ारों में ज़ी नहीं लगता। |