चाहते तो हैं कि हर रोज़ सुबह आपको अनमोल खज़ाना भेजूं; पर मेरे दामन में दुआओं के सिवा कुछ भी नहीं। सुप्रभात! |
रात का चाँद तुम्हें सलाम करे; परियों की आवाज़ तुम्हें आदाब करे; सारी दुनिया को खुश रखने वाला वो रब्ब; हर पल तुम्हारी खुशियों का ख्याल करे। शुभ रात्रि! |
इस प्यारी सी सुबह में, प्यारे से मौसम में, ठंडी ठंडी हवाओं के साथ, तुम्हें मिलें जीवन की सारी खुशियां, इसी दुआ के साथ कहते हैं आपको हम सुप्रभात। सुप्रभात! |
पास चाहे दूर जहाँ भी रहो तुम; मेरी दुआयें रहेंगी साथ तुम्हारे हर दम; हो खुशियों का बसेरा तुम्हारे लिए; बस यही दुआ है आपके लिए। जन्मदिन मुबारक! |
होंठ कह नहीं सकते जो फ़साना दिल का; शायद नज़र से वो बात हो जाये; इस उम्मीद में करते हैं इंतज़ार रात का; कि शायद सपनों में आपसे मुलाक़ात हो जाये। शुभ रात्रि! |
ऐ सुबह तू जब भी आना, सब के लिए तू खुशियां लाना; हर चेहरे पर हँसी सजाना, हर आँगन में फूल खिलाना। सुप्रभात! |
हर सपना ख़ुशी पाने के लिए पूरा नहीं होता; कोई किसी के बिना अधूरा नहीं होता; जो चाँद रौशन करता है रात भर को; हर रात वो भी पूरा नहीं होता। शुभ रात्रि! |
लबों पे मुस्कान, आँखों में ख़ुशी ग़म का कहीं नाम ना हो; हर दिन लाये आप के लिए इतनी खुशियाँ, जिसके ढलने की कोई शाम न हो। सुप्रभात! |
जैसे कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता है; मुस्कुराने के लिए भी रोना पड़ता है; यूं ही नहीं आते ख्वाब हसीं रातों को; देखने के लिए ख्वाब सोना भी पड़ता है। शुभ रात्रि! |
हर नयी सुबह का नया नया नज़ारा; ठंडी सी हवा लेकर आई है पैगाम हमारा; जागो, उठो, हो जाओ तैयार; मिलने को खुशियाँ तुमसे कब से कर रही हैं इंतज़ार। सुप्रभात! |