सुबह होते ही जब दुनिया आबाद होती है; आँख खुलते ही आपकी याद होती है; खुशियों के फूल हों आपके आँचल में; ये मेरे होंठों पे पहली फरियाद होती है। सुप्रभात! |
आप हमारे सबसे अच्छे दोस्त हैं; यह दिल से कहते हैं हम; इसलिए आपको रोज़ याद करते हैं हम; बाकी कुछ कहें न कहें रोज़ रात को आप को शुभ रात्रि कहते हैं हम। |
कायनात के सारे रंग; रंगों के सारे फूल; फूलों की सारी खुशबू; खुशबू की सारी ख़ुशी; ख़ुशी के हर लम्हें; और इन लम्हों से भरपूर ज़िंदगी की दुआ सिर्फ आप के नाम। सुप्रभात! |
मुझे नींद की इजाज़त भी उसकी यादों से लेनी पड़ती है; जो खुद तो सो जाता है, मुझे करवटों में छोड़ कर! शुभ रात्रि! |
रात की तन्हाई में तो हर कोई याद कर लेता है ए दोस्त; सुबह उठते ही जो याद आये दोस्ती उसे कहते हैं। सुप्रभात! |
हर दिन से प्यारा लगता है हमें ये खास दिन; हम जिसे बिताना नहीं चाहते आप बिन; वैसे तो दिल देता है सदा ही दुआ; फिर भी कहते हैं आपको मुबारक हो आपका जन्मदिन। |
हर पल हर रात आपके साथ उजाला हो; हर कोई सदा आपका चाहने वाला हो; वक़्त बीत जाये उनकी याद के सहारे; ऐसा कोई आपके सपने सजाने वाला हो। शुभ रात्रि! |
हर सुबह की धूप कुछ याद दिलाती है; हर फूल की खुशबू एक जादू जगाती है; तुम मानो न मानो पैर यह सच है मेरे यार; सुबह होते ही तुम्हारी याद आ जाती है। सुप्रभात! |
सुबह की हलकी रौशनी, परिंदो के सुरीले गीत, हवा के मधेयम झोंके, रंग बिरंगे फूलों की दीद। सुप्रभात! |
चलो सो जाते हैं अब फिर किसी सच की तालाश में; कल फिर सुबह उठ कर फिर से झूठी दुनिया का दीदार करना है। शुभरात्रि! |