राम गोपाल वर्मा ने अपनी किताब 'गन्स एंड थाइज' में लिखा 'फिल्म 'खुद्दार' में अमिताभ बच्चन की परफॉर्मेंस देख मैं मोहित हो गया था। मगर मुझे लगता है कि 'नि:शब्द' और 'आग' में मेगास्टार को कास्ट करना एक गलती थी। अब कोई कह सकता है कि इस बात से अमित जी को क्या लेना देना। यह बात सही है। मगर मैं कहना चाहता हूं कि उन्हें निश्चित रुप से इस बात को लेकर पछतावा रहा होगा कि उन्होंने मुझपर भरोसा किया। मगर मैंने उन्हें मिसप्लेस कर दिया। वो इसलिए पछतावा नहीं होगा कि उन्होंने अपना सर्वश्रेष्ठ नहीं दिया।'
वर्मा ने लिखा है 'नि:शब्द' की शूटिंग के दौरान एक दिन अमित जी के मेकअप मैन ने मुझसे कहा कि यह फिल्म नहीं चल पाएगी क्योंकि कोई भी उन्हें इस रूप में देखना नहीं चाहता है। हो सकता है कि यह भी एक कारण रहा हो। एक दर्शक के नजरिए से तो इसे सही माना जा ही सकता है।'
वर्मा ने बताया 'यहां मैं जो बात स्पष्ट करना चाहता हूं वो ये है कि एक्टर के तौर पर वो कभी भी फेल नहीं हुए हैं। यह केवल डायरेक्टर्स की ही बात रही होगी उनके आर्ट को ठीक से प्रेजेन्ट नहीं कर सकें। इन निर्देशकों में मैं भी शामिल हूं।'