बहुत कम लोगों को दिलीप कुमार का असली नाम पता है, इस लेजंडरी अभिनेता के जन्मदिन पर उनकी पत्नी सायरो बानो हर साल एक शानदार पार्टी का आयोजन करती थी परन्तु इस साल दिलीप की तबीयत ठीक न होने के कारण और कोरोना से 2 छोटे भाइयों अहसान और असलम के इंतकाल के चलते किसी भी तरह की पार्टी का आयोजन नही किया जा रहा है| हाल ही में पत्रकारों से बात करते हुए सायरा ने कहा कि यह साल हमारे लिए बहुत बुरा रहा, दिलीप साहब ने अपने दो छोटे भाई खो दिए और अब उनकी तबीयत ठीक नहीं, ना ही मेरी। हमारे लिए यह मुश्किल समय है, अब तो बस अच्छी सेहत के लिए भगवान से प्रार्थनाएँ कर रहे हैं|
दिलीप कुमार ने देविका रानी के कहने पर अपना नाम 'मोहम्मद युसूफ खान' से बदल लिया था| आपकी जानकारी के लिए बता दें कि साल 1944 में फिल्म 'ज्वार भाटा' से फ़िल्मी सफर शुरू करने वाले इस अभिनेता ने आगे चलकर अंदाज, बाबुल, दीदार, आन, दाग, देवदास, आजाद, मुगल-ए-आजम, गंगा जमुना, क्रांति और मशाल जैसी सुपरहिट फ़िल्में दी हैं| हिंदी सिनेमा में पहला फिल्मफेयर बेस्ट एक्टर अवार्ड उन्ही के नाम है, इसके साथ-साथ दिलीप कुमार का नाम सबसे ज्यादा पुरुस्कार हासिल करने की वजह से गिनीज रिकॉर्ड में भी दर्ज है|
पाकिस्तानी सरकार नही दिलीप कुमार को सबसे उच्चतम राष्ट्रिय नागरिक सम्मान निशान-ए-इम्तियाज़ से सम्मानित कर चुकी है। भारत सरकार ने 2015 में उन्हें पद्म विभूषण और 1991 में पद्म भूषण से सम्मानित किया है| दिलीप कुमार को अपने दौर का बेहतरीन अभिनेता माना जाता है, उन्हें फिल्मों में अपने दुखद किरदारों के लिए 'ट्रेजिडी किंग' के नाम से जाना जाता है। भारतीय फ़िल्मों के सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार से भी उनको सम्मानित किया जा चुका है।