सभी उम्दा दोस्तों को समर्पित:
ऐसी कौन सी पंक्ति है जिसे आप उल्टा पढ़ो या सीधा दोनों अच्छी लगती हैं।
"हैं जिंदगी तो दोस्ती है।"
ज़ज्बात इश्क नाकाम ना होने देंगे;
दिल की दुनिया में कभी शाम न होने देंगे;
दोस्ती का हर इल्ज़ाम अपने सर पर ले लेंगे हम;
पर दोस्त हम तुम्हें कभी बदनाम न होने देंगे!
आंसू तेरे निकले तो आँखें मेरी हो;
दिल तेरा धड़के तो धड़कन मेरी हो;
खुदा करे दोस्ती हमारी इतनी गहरी हो कि;
सड़क पर तू पिटे और गलती मेरी हो!
दूर हो जाऊं तो जरा इंतज़ार करना;
अपने दिल में इतना तो ऐतबार करना;
लौट के आयेंगे हम, अगर कहीं चले भी गए तो;
आप बस हमसे ये दोस्ती बरकरार रखना।
अजनबी रिश्तों का नाम है दोस्ती;
हर गम की दवा है दोस्ती;
दोस्त बिछड़ जाए तो रोता है दिल;
मगर दोस्ती टूट जाए तो रोती है जिंदगी।
खुदा ने मुझे बहुत वफ़ादार दोस्तों से नवाज़ा है;
क्योंकि
याद अगर मैं ना करूँ तो कोशिश वो भी नहीं करते।
हमारी जिंदगी है दोस्तों की अमानत;
रखना मेरे खुदा सदा उनको सलामत;
देना उन्हें खुशियाँ सारे जहाँ की;
बन जाए वो तारीफ हर एक जुबान की।
हम जब भी आपकी दुनिया से जायेंगे;
इतनी खुशियाँ और अपनापन दे जायेंगे;
कि जब भी याद करोगे इस पागल दोस्त को;
हंसती आँखों से भी आंसू निकल आयेंगे।
आपकी दोस्ती हमारे सुरों का साज़ है;
आप जैसे दोस्त पर हमें नाज़ है;
चाहे कुछ हो जाये जिंदगी में;
दोस्ती वैसी ही रहेगी, जैसे आज है।
महक दोस्ती की किसी इश्क से कम नहीं होती;
यह दुनिया इश्क में कफ़न नहीं होती;
अगर साथ हो जिंदगी में सच्चे दोस्तों का;
तो ये जिंदगी किसी जन्नत से कम नहीं होती।