दोस्ती तो सिर्फ एक इत्तेफाक है;
ये तो दो दिलों की मुलाक़ात है;
दोस्ती नहीं देखती की ये दिन है की रात है;
इसमें तो सिर्फ वफादारी और जज़्बात है।
दोस्त साथ में हो तो रोने में भी शान है;
दोस्त ना हो तो महफ़िल भी श्मशान है;
सारा खेल दोस्ती का है;
वरना जनाजा और बारात, एक समान हैं।
आपकी दुआओं से हमें वो सहारा मिला;
जो मिल न सका वो किनारा मिला;
किन लफ्जों में हम बयाँ करें;
जाने इतनी भीड़ में मुझे दोस्त इतना प्यार मिला।
दोस्त के साथ अंधेरे में चलना उजाले में अकेले चलने से बेहतर है।
सबसे अच्छा दोस्त और महज़ दोस्त के बीच का अंतर:
जब आप अस्पताल में होते हैं।
महज दोस्त, ''तबीयत कैसी है?''
सबसे अच्छा दोस्त, ''नर्स कैसी है?''
यह मत देखो कोई श़ख्स गुनहगार कितना है;
यह देखो वह आपके साथ वफ़ादार कितना है;
यह मत सोचो उसमें क्या-क्या कमजोरियां हैं;
यह देखो कि वह श़ख्स दिलदार कितना है!
खुदा ने अगर ये रिश्ता बनाया ना होता;
एक दोस्त को मुझसे मिलाया न होता;
जिंदगी हो जाती हमारी बेजान;
अगर आप जैसे दोस्त को पाया न होता।
मसरूफ़ हम भी बहुत हैं जिंदगी की उलझनों में दोस्तों;
पर उलझनों में दोस्तों को भुला देना दोस्ती नहीं होती।
अए दोस्त, तेरी दोस्ती पर नाज़ करते हैं;
हर वक्त मिलने की फ़रियाद करते हैं;
हमें नहीं पता घर वाले बताते हैं;
हम नींद में भी आपसे बात करते हैं।
ना आसमान से टपकाए गये हो;
न ऊपर से गिराए गए हो;
कहाँ मिलते हैं आप जैसे दोस्त;
आप तो ऑर्डर देकर बनवाये गए हो।