अच्छा दोस्त जिंदगी को जन्नत बनाता है;
इसलिए मेरी कद्र किया करो;
वर्ना फिर कहते फिरोगे;
बहती हवा सा था वो;
यार हमारा था वो;
कहाँ गया उसे ढूढों!
अगर हमारा पेन खो जाता है तो हम नया पेन खरीद सकते हैं, पर अगर हमारे पेन का ढक्कन खो जाए तो वह हम दूसरा नहीं खरीद सकते।
इसीलिए मैं तुम्हारी फ़िक्र करता हूँ मेरे दोस्त क्योंकि ज़िन्दगी में ढक्कन बहुत ज़रूरी होते हैं।
दोस्त ऐसा हो कि धड़कन में बस जाये;
सांस भी लूँ तो खुशबु उसकी आये;
उसके प्यार का नशा आँखों पे ऐसा चले;
कि बात कोई भी हो नाम उसका आये!
इंसान को अगर दोस्त ना मिलते तो इस बात को समझना कितना मुश्किल होता की अजनबी लोग भी अपनों से ज़्यादा प्यारे हो सकते हैं।
सच्ची दोस्ती बेजान होती है;
ये तो आँखों से बयाँ होती है;
दोस्ती में दर्द मिले तो क्या;
दर्द में ही दोस्ती की पहचान होती है!
महक दोस्ती की इश्क से कम नहीं होती;
इश्क से जिंदगी ख़तम नहीं होती;
साथ अगर हो जिंदगी में दोस्तों का;
तो जिंदगी जन्नत से कम नहीं होती।
कुछ रिश्ते अंजाने में बन जाते हैं;
पहले दिल से फिर ज़िंदगी से जुड़ जाते हैं;
कहते हैं उस दौर को दोस्ती;
जिसमे अंजाने न जाने कब अपने बन जाते हैं!
कुछ बदली हुई तकदीर नज़र आती है;
दूर तक यादों कि ज़ंजीर नज़र आती है;
मैं देखूं तो क्या देखूं अय दोस्त;
हर चेहरे पर तेरी तस्वीर नज़र आती है!
दिल से दिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं;
तुफानों में साहिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं;
यूँ तो मिल जाता है हर कोई;
मगर आप जैसे दोस्त नसीब वालों को मिलते हैं!
यह सफ़र दोस्ती का कभी ख़त्म न होगा;
दोस्तों से प्यार कभी कम न होगा;
दूर रहकर भी जब रहेगी महक इसकी;
हमें कभी बिछड़ने का ग़म न होगा!