करीब इतने रहो कि रिश्तों में प्यार रहे;
दूर भी इतना रहो की आने का इंतज़ार रहे;
रखो उम्मीद रिश्तों के दरम्यान इतनी कि;
टूट जायें उम्मीद मगर रिश्ते बरकरार रहें।
दिल के घर में बसने वाले अजनबी नहीं होते;
हर वक़्त याद आने वाले अजनबी नहीं होते;
ख़ुशी देने वाले तो अपने होते हैं;
पर गम देने वाले भी कभी अजनबी नहीं होते।
खुश हूँ और सबको खुश रखता हूँ;
लापरवाह हूँ फिर भी सबकी परवाह करता हूँ;
मालूम है कोई मोल नहीं मेरा;
फिर भी अनमोल लोगों से रिश्ता रखता हूँ।
वो दिल नहीं रहे वो जज्बे नहीं रहे;
अपने भी इस दौर में अपने नहीं रहे;
हालात-ऐ-जमाने पर गौर किया तो जाना;
रिश्ते सिर्फ जुबान के रह गए दिल के नहीं रहे।
मशहूर होना पर मगरूर ना होना;
कामयाबी के लिए कभी चूर मत होना;
मिल जायेगी आपको सारी कायनात यहीं पर;
मगर इसके लिए कभी अपनों से दूर मत होना!
कुछ गहरे रिश्ते भी अजीब होते हैं;
सब अपने-अपने नसीब होते हैं;
रहते हैं जो निगाहों से दूर;
वही दिल के करीब होते हैं।
कुछ रिश्ते ऊपर वाला बनाता है;
कुछ रिश्ते लोग बनाते हैं;
पर वो लोग बहुत ख़ास होते हैं;
जो बिना रिश्ते के कोई रिश्ता निभाते हैं।
तेरी ख़ुशी से ही नहीं गम से भी रिश्ता है हमारा;
तू जिंदगी का एक अहम हिस्सा है मेरा;
ये प्यार का रिश्ता तुमसे सिर्फ लफ़्ज़ों का नहीं;
तेरे दिल से दिल का रिश्ता है हमारा।
नहीं बन जाता कोई अपना यूहीं दिल लगाने से;
करनी पड़ती है दुआ रब से कोई अपना पाने में;
रखना संभालकर ये रिश्ते अपने;
टूट ना जायें ये किसी के बहकाने से।
करीब इतना रहो कि रिश्तों में प्यार रहे;
दूर भी इतना रहो कि आने का इंतज़ार रहे;
रखो उम्मीद रिश्तों के दरमियान इतनी;
कि टूट जायें उम्मीद मगर रिश्तें बरकरार रहें।