खबर - जापान में एक बच्ची को स्कूल छोड़ने की खातिर ट्रेन चलाई जाती है।
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वैसे भारत में भी तो सिर्फ एक बच्चे की खातिर पूरी पार्टी चलाई जा रही है।
भगवान ने अगर यह रिश्ता बनाया ना होता;
एक दोस्त को दूसरे से मिलाया ना होता;
कैसे करूँ शुक्रिया मैं उस भगवान का;
मेरी तो ज़िंदगी हो जाती बेजान अगर मैंने तेरे जैसा दोस्त पाया ना होता!
शुक्रिया!
मुझको फिर वो सुनहरा नज़ारा मिल गया;
नज़रों को जो दीदार तुम्हारा मिल गया;
और किसी चीज़ की तमन्ना क्यों करूँ;
जब मुझे तेरी बाहों में सहारा मिल गया!
शुक्रिया!
किस तरह से शुक्रिया कहें आपको;
ज़मीन से उठा कर दिल में बिठा लिया;
नज़रों में समां कर, पलकों पे सजा दिया;
इतना प्यार दिया आपने हमको, कि मेरे बिखरे शब्दों को कविता बना दिया!
शुक्रिया!
आपके लफ्जों से हुआ ठंडा मेरा जिया;
लो आपके नाम पे यह शेर मैंने अर्ज़ किया;
वो मेरी तारीफ करने वाले अए दोस्तों;
मैं आपका सच्चे मन से करता हूँ शुक्रिया।
ख़्वाबों में आने वाले तेरा शुक्रिया;
दिल को बहलाने वाले तेरा शुक्रिया;
कौन करता है इस ज़माने में किसी से दोस्ती इतनी;
हमें दोस्त कहने वाले तेरा शुक्रिया।
किस तरह शुक्रिया कहें आपको?
चलो ऐसे कहते हैं:
S.H.U.K.R.I.Y.A.
तेरी इस वफा का शुक्रिया;
तेरी हर चाह का शुक्रिया;
तेरे प्यार के इस एहसास का;
और इस ख़ूबसूरत साथ का शुक्रिया।
आपकी लफ्जों से हुआ ठंडा मेरा जिया;
लो आपके नाम पर ये अर्ज़ मैंने किया;
ओह मेरी तारीफ करने वाले मेरे दोस्त;
मैं आपका सच्चे मन से करता हूँ शुक्रिया।