
दया का सागर है महर्षि वाल्मीकि,
ज्ञान का स्रोत है महर्षि वाल्मिकी,
रामायण के सृजन है प्रभु वाल्मीकि!
ऐसे महान गुरु की जयंती पर आप सब को बधाई!

लिख दी जिसने कथा पवित्र सीता-राम की,
साथ ही बताई भक्ति राम भक्त हनुमान की,
प्रेम भाई भरत और लक्ष्मण का अनूठा,
कैसे माँ कौशल्य और दशरथ से भाग्य था रूठा,
ऐसे महान ऋषि वाल्मीकि जी की जयंती पर सभी को हार्दिक बधाई!

रामायण के हैं जो रचयिता, संस्कृत के हैं जो कवि महान;
ऐसे हमारे पूज्य गुरुवर, उनके चरणों में उनके हमारा प्रणाम।
वाल्मीकि जयंती की शुभकामनायें!

राम-सीता हैं मेरे पूज्य प्रभु, इनके चरणों में करुं मैं नमस्कार;
जब भी हो नया सुनहरा सवेरा, राम-राम नाम जपूं मैं बार-बार।
वाल्मीकि जयंती की शुभकामनायें!