ताज़ा शोध से पता चला है कि
शराब ना मिलने की वजह से देश में अंग्रेजी में बात करने वालों की संख्या में भारी कमी आई है!
आज के माहौल से ये शिक्षा मिलती है कि,
हमेशा दारू स्टॉक करना चाहिए, राशन तो सरकार घर पहुंचा ही रही है!
आजकाल दोस्तों/रिश्तेदारों के फोन आते हैं। बडी आत्मीयता से पूछते हैं, कैसा चल रहा है?स्वास्थ कैसा है? स्वास्थ ठीक रखने के बारे मे हिदायतें भी देते हैं। यह सब सुनकर अच्छा लगता है। इंसानियत बाकी है यह जानकर सुकुन मिलता है। और फिर मुद्दे पर सवाल आता है...
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कोई बोतल पड़ी है क्या?
आज रात एक मच्छर कान के पास आकर गुनगुनाया- भाईजी लॉकडाउन कब ख़त्म होगा?
मैंने कहा क्यों भाई?
तो बोला भाई जी आपके ख़ून में अल्कोहल कम हो गया है, वो सुरूर नही आ रहा पहले जैसा।
शराब की दुकानें खोल दी जायें तो सबसे पहले लाइन में वही लोग दिखेंगे जिनके पास अभी खाने के लिए पैसे नहीं है!
सब को खुश रखने की कोशिश मत करो,
आप इंसान हो दारू नहीं!
जात ना पूछिये साधु की पूछ लीजिये ज्ञान...
और लॉक डाउन में ठर्रा, देशी जो मिल जाये पी लो, भाड़ में जाये ब्रांड!
~ शराबी दोहे
YouTube पर सारी रेसिपी देख ली पर...
घर में दारू बनाने की रेसिपी कहीं नही मिली!
अभी-अभी खबर मिली है कि एक आदमी को शराब पीते हुए पकड़ लिया गया है और थाने ले जाया गया है!
थाने के बाहर 200 आदमियों की भीड़ ये जानने को उत्सुक है कि...
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साला शराब लाया कहाँ से!!
शुक्र है ठेके बंद है नहीं तो सारे पंजाबी बाहर आकर कहते...
कित्थे है कोरोना!