ज़िन्दगी उस मोड़ पे आ गयी है कि
कॉलोनी का वॉचमैन, डॉक्टर का बुखार चेक कर रहा है!
इस बार वाले वायरस को मिर्ज़ापुर वाले गुड्डू भैया जैसे समझो,
जो पहले वाले की तरह लिबिर-लिबिर नहीं करता! इसको चाहिए फुल रेस्पेक्ट!
शहर की एक बदनाम औरत को कोरोना क्या हुआ;
शहर के बहुत सारे इज़्ज़तदार लोग क्वारंटाइन हो गए!
मोहब्बत की आखिरी क़िस्त जिस्म है, जिस्म मिल जाये तो मोहब्बत खत्म!
ज़रूरी नहीं अमीर इंसान की हर इच्छा पूरी हो! जब जेब में केवल 2000 का नोट हो , तब भी दुकानदार एक कचौरी देने से मना कर देता है!
चेहरे पे हंसी और दिल में गम है! कभी-कभी तो लगता है कि ये 2 जीबी डाटा भी कम है!
पहले लोग दरवाज़ा खटखटाते थे और भाग जाते थे! अब मैसेज भेजते हैं और फिर डिलीट कर देते हैं! हरकत वही, सोच नयी!
आज सभी लोग एक-एक पेड़ लगायें! अप्रैल फूल नहीं अप्रैल कूल करें!
चाकू से पेड़ पर जानू का नाम जोड़ने से अच्छा है, जानू के घर के सामने एक पेड़ लगा दो और पानी देने के बहाने उसे भी देख लिया करें!
फिर मेरे हिस्से आएगा समझौता कोई; आज फिर कोई कह रहा था, समझदार हों तुम!