अपने आप को किसी काम में व्यस्त रखें, क्योंकि व्यस्त इंसान को दुखी होने का वक़्त नहीं मिलता!
ज़िंदगी में समस्या देने वाले की हस्ती कितनी भी बड़ी क्यों न हो,
पर भगवान की "कृपादृष्टि" से बड़ी नहीं हो सकती!
वक़्त बुरा हो, तो मेहनत करना!
वक़्त अच्छा हो, तो किसी की मदद करना!
अपनी उम्मीद की टोकरी खाली कर दीजिए,
'परेशानियां' नाराज होकर खुद चली जाएंगी!
वक़्त, दोस्त और रिश्ते वो चीज़ें हैं, जो मिलती तो मुफ्त में हैं मगर इनकी कीमत का पता तब चलता है, जब ये कहीं खो जाते हैं!
जब मेहनत करने के बाद भी सपने पूरे नहीं होते तो रास्ते बदलिए सिंद्धात नहीं! क्योंकि पेड़ भी हमेशा पत्ते बदलता है जड़ नहीं!
गीता में साफ शब्दों में लिखा है, "निराश मत होना, कमजोर तेरा वक्त है तू नहीं!
जिस देश में एम.एल.ए.खरीदना वेंटीलेटर खरीदने से ज़्यादा ज़रूरी हो, उस देश को बरबाद होने से कोई नहीं रोक सकता!
अपनों के लिए चिंता हृदय में होती है, शब्दों में नहीं!
और अपनों के लिए गुस्सा शब्दों में होता है हृदय में नहीं!
हर पेड़ फल दे यह ज़रूरी नहीं;
किसी की छाया भी बड़ा सुकून देती है!
दो पल की जिन्दगी के, "दो नियम":
किसी को प्रेम देना सबसे बड़ा उपहार है और किसी का प्रेम पाना सबसे बड़ा सम्मान है! ध्यान रहे कि, रूठी हुई खामोशी से बोलती हुई शिकायतें अच्छी होती हैं!



