मंदिर में फूल चढ़ाने गए तो एहसास हुआ;
कि पत्थरों की ख़ुशी के लिए फूलों का क़त्ल कर आये हम;
मिटाने गए थे पाप जहाँ पर, वहीँ एक और पाप कर आये हम।
सारा जहाँ है उसका जो मुस्कुराना सीख ले;
रोशनी है उसकी जो समां जलाना सीख ले;
हर गली में मंदिर है;
हर गली में मस्ज़िद है;
पर ईश्वर है उसका जो सर झुकाना सीख ले।
जब अपने लिए दुआ करो तो दूसरों को भी याद किया करो।
क्या पता, किसी के नसीब की खुशी आपकी एक दुआ के इंतज़ार में हो।
चार अक्षर पड़कर कोई ज्ञान नहीं मिलता;
मंदिर जाकर भगवान नहीं मिलता;
पत्थर लोग पूजते हैं इसलिए;
क्योंकि विश्वास के लायक इंसान नहीं मिलता!

ईश्वर से पूछा, "आपके और मानव के प्रेम में क्या अंतर है?"
ईश्वर ने कहा, आसमान में उड़ता पंछी मेरा प्रेम है;
और पिंजरे में कैद पंछी मानवीय प्रेम है!

दुनियां में सबसे तेज रफ़्तार प्रार्थना की है, क्योंकि दिल से जुबान तक पहुँचने से पहले यह भगवान तक पहुँच जाती है!