चेहरे की हंसी से हर गम चुराओ;
बहुत कुछ बोलो पर कुछ ना छुपाओ;
खुद ना रूठो कभी पर सबको मनाओ;
राज़ है ये जिंदगी का बस जीते चले जाओ।

जिंदगी बहुत कुछ सिखाती है;
कभी हंसती है तो कभी रुलाती है;
पर जो हर हाल में खुश रहते हैं;
जिंदगी उनके आगे सर झुकाती है।

दिल तो करता है जिंदगी को किसी क़ातिल के हवाले कर दूँ;
जुदाई में यूँ रोज़ रोज़ मरना मुझे अच्छा नहीं लगता!

जब से पता चला है, कि मरने का नाम है 'जिंदगी';
तब से, कफ़न बांधे कातिल को ढूढ़ते हैं!

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