
कोई खुशियों की चाह में रोया;
कोई दुखों की पनाह में रोया;
अजीब सिलसिला है ये ज़िंदगी का;
कोई भरोसे के लिए रोया, कोई भरोसा करके रोया।

वक़्त बदल जाता है इंसान बदल जाते हैं;
वक़्त वक़्त पे रिश्तों के अंदाज़ बदल जाते हैं;
कभी कह दिया अपना तो कभी कर दिया पराया;
दिन और रात की तरह ज़िंदगी के एहसास बदल जाते हैं।
ज़िंदगी पल-पल ढलती है;
जैसे रेत बंद मुट्ठी से फिसलती है;
शिकवे कितने भी हो हर पल;
फिर भी हँसते रहना;
क्योंकि ये ज़न्दगी जैसी भी है,
बस एक बार ही मिलती है।

ज़िंदगी ज़ख्मों से भरी है;
वक़्त को मरहम बनाना सीख लो;
हारना तो है मौत के सामने एक दिन;
फ़िलहाल ज़िंदगी से जीतना सीख लो।

जब ज़िंदगी हंसाये तो समझना कि अच्छे कर्मों का फल मिल रहा है;
और जब ज़िंदगी रुलाये तो समझ लेना कि अच्छे कर्म करने का वक़्त आ गया है।
हँसकर जीना दस्तूर है ज़िंदगी का;
एक यही किस्सा मशहूर है ज़िंदगी का;
बीते हुए पल कभी लौट कर नहीं आते;
यही सबसे बड़ा कसूर है ज़िंदगी का।

ज़िंदगी जब भी आपको रुलाने लगे;
आप इतना मुस्कुराओ कि दर्द भी शर्माने लगे;
निकले ना आँसू आँखों से आप के कभी;
किस्मत भी मज़बूर होकर आपको हँसाने लगे।

फूल बनकर मुस्कुराना ही ज़िंदगी है;
मुस्कुरा कर गम भुलाना ही ज़िंदगी है;
जीत कर कोई खुश हो तो अच्छा है;
हार कर भी खुशियां मनाना ही ज़िंदगी है।

वो यारों की महफ़िल वो मुस्कुराते पल;
दिल से जुदा है अपना बीता हुआ कल;
कभी गुज़रती थी ज़िंदगी वक़्त बिताने में;
अब वक़्त गुज़रता है चाँद कागज़ के नोट कमाने में।

ख्वाहिश ऐसी करो कि आसमान तक जा सको;
दुआ ऐसी करो कि खुदा को पा सको;
यूँ तो जीने के लिए पल बहुत कम हैं;
जियो ऐसे कि हर पल में ज़िंदगी पा सको।