
दौलत छोड़ी दुनिया छोड़ी सारा खज़ाना छोड़ दिया;
सतगुरु के प्यार में दीवानों ने राज घराना छोड़ दिया;
दरवाज़े पे जब लिखा हमने नाम हमारे सतगुरु का;
मुसीबत ने दरवाज़े पे आना छोड़ दिया।
सुप्रभात!

देर मैंने ही लगाई पहचानने में ऐ भगवान,
वरना तुमने जो दिया उसका तो कोई हिसाब ही नहीं;
जैसे जैसे मैं सिर को झुकाता चला गया,
वैसे वैसे तू मुझे उठाता चला गया।
सुप्रभात!

भाग्य से जितना अधिक उम्मीद करेंगे वह उतना ही निराश करेगा।
कर्म में विश्वास रखें, आपको अपनी अपेक्षाओं से सदैव अधिक मिलेगा।
सुप्रभात!

शुरुआत करने के लिए महान होने की ज़रुरत नहीं, पर महान होने के लिए शुरुआत करनी पड़ती है।
उठो.और जोश के साथ इस नए दिन की नयी शुरुआत करो।
सुप्रभात!

हर नयी सुबह का नया नया नज़ारा;
ठंडी हवा लेकर आयी है पैगाम हमारा;
कि खुशियों से भरा रहे आज का दिन तुम्हारा।
सुप्रभात!

गुलशन में भँवरों का फेरा हो गया,
पूरब में सूरज का डेरा हो गया,
खिलती मुस्कान के साथ खोलो आँखें,
देखो एक बार फिर से नया सवेरा हो गया।
सुप्रभात!

अच्छे के साथ अच्छे रहो लेकिन बुरे के साथ बुरे नहीं बनो क्योंकि पानी से गंदगी साफ कर सकते हैं, गंदगी से गंदगी नही।
सुप्रभात!

कल का दिन किसने देखा है, तो आज का दिन भी खोये क्यों;
जिन घडि़यों में हँस सकते हैं, उन घड़ियों में रोये क्यों।
सुप्रभात!

जिन्हें ख्वाब देखना अच्छा लगता है उन्हें रात छोटी लगती है;
और जिन्हें ख्वाब पूरे करना अच्छा लगता है उन्हें दिन छोटा लगता है।
सुप्रभात!

ऐ सूरज मेरे अपनों को यह पैगाम देना;
खुशियों का दिन हँसी की शाम देना;
जब कोई पढे प्यार से मेरे इस पैगाम को;
तो उन को चेहरे पर प्यारी सी मुस्कान देना।
सुप्रभात!