अगर आप की ख़ुशी इस बात पर निर्भर करती है कि दूसरे क्या करते हैं तो मुझे लगता है कि आप के साथ कोई दिक्कत है।

खुशियाँ हमारे ऊपर ही निर्भर करती हैं।

किसी एक चीज़ में कुशल बनो आप बहुत खुश रहोगे।

आप जो अच्छा करते हैं वो खुशियों में योगदान देता है।

ख़ुशी अपने आप पर निर्भर करती है।

खुशियाँ समस्याओं का अभाव नहीं बल्कि यह उनसे निपटने की योग्यता है।

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हँसी मन की गांठें बड़ी आसानी से खोल देती है।

खुश रहें। समझदारी का यह एक तरीका है।

जब तक हम दूसरों के बारे में नहीं सोचते और उनके लिए कुछ नहीं करते हैं, तब तक हम खुशियों के सबसे बड़े स्रोत को गँवाते रहते हैं।

छोटी छोटी बातों में आनन्द खोजना चाहिए, क्योंकि एक दिन ऐसा आएगा जब आप पिछले जीवन के बारे में सोचेगें तो यह पाएंगे कि वह कितनी बड़ी बातें थीं।