प्रसन्नता कोई पहले से निर्मित वास्तु नहीं है! वो आपके कर्मो से आती है!
प्रसन्नता ऐसी घटनाओ की निरंतरता है जिनका हम विरोध नहीं करते!
हँसी के बिना बिताया हुआ दिन बर्बाद किया हुआ दिन है!
प्रसन्नता बाहरी परिस्थितियों पर निर्भर नहीं करती, यह हमारे मानसिक रवैया से संचालित होती है!
छोटी चीजों में वफादार रहिये क्योंकि इन्ही में आपकी शक्ति निहित है।
जहाँ जाइये प्यार फैलाइए। जो भी आपके पास आए वह और खुश होकर लौटे।
एक पल के लिए ही सही, किसी और के चेहरे की मुस्कान बनो।
हैप्पीनेस कोई रेडीमेड चीज़ नहीं है। ये आपके अपने कर्मों से आती है।
सच में हंसने के लिए आपको अपनी पीड़ा के साथ खेलने में सक्षम होना चाहिए।
सबसे बड़ी ख़ुशी समझने की ख़ुशी है।