हर दोस्ती के पीछे कोई ना कोई स्वार्थ होता है। ऐसी कोई दोस्ती नहीं जिसमे स्वार्थ ना हो। यह कड़वा सच है।
खुशियाँ मुश्किलों का अभाव नहीं बल्कि यह उनसे निपटने की योग्यता है।
क्रोध से ज्ञान का प्रकाश बुझ जाता है।
अगर आप सफर में खुश नहीं हो तो आप मंज़िल पर पहुँच कर भी खुश नहीं हो सकते।

ख़ुशी आंनद नहीं यह एक जीत है।
अपने दोस्तों को सिर्फ तारीफ से नहीं बल्कि प्यार के तोहफे से करीब लाओ।
दोस्त पाने के लिए पहले आपको दोस्त बनना पड़ेगा।
ख़ुशी वो विकल्प है जिसमे कभी कभी प्रयास की आवश्यकता होती है।
दोस्त वह होता है जब वह उस समय साथ निभाता है जब सारी दुनिया साथ छोड़ जाती है।

दोस्त मुसीबत के समय अपना प्यार दिखाते हैं ख़ुशी के समय नहीं।