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हर कोई जो स्वयं की प्रशंशा करता है उसे विनम्र किया जाएगा, और हर कोई जो स्वयं को विनम्र करता है उसकी प्रशंसा होगी।

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निश्चित रूप से जो नाराजगी युक्त विचारों से मुक्त रहते हैं, वही जीवन में शांति पाते हैं।

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आस्था एक अन्तरंग ज्ञान है, प्रमाण से परे।

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ईश्वर के सामने हम सभी एक बराबर ही बुद्धिमान हैं-और एक बराबर ही मूर्ख भी।

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लोग आपको हर्ट करते है, भगवान् आपको हील करेंगे। लोग आपको हयुमिलीएट करते हैं, भगवान् आपको मैग्निफाई करेंगे। लोग आपको जज करते हैं, भगवान् आपको जस्टिफाई करेंगे!

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अतीत पे ध्यान मत दो, भविष्य के बारे में मत सोचो, अपने मन को वर्तमान क्षण पे केन्द्रित करो.

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प्रत्येक आत्मा स्वयं में सर्वज्ञ और आनंदमय है! आनंद बाहर से नहीं आता!

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जब भी आप कुछ निर्मित करना चाहें, बाह्य स्रोत पर निर्भर मत करिए: अन्दर गहराई तक जाइए और अनंत स्रोत को खोजिये।

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मन को केवल कुछ चीजें ही याद रहती हैं। शरीर को सबकुछ याद रहता है। जो सूचना ये रखता है वो अस्तित्व के प्रारम्भ तक जाती हैं।

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ज्ञानी व्यक्ति ज्ञान और कर्म को एक रूप में देखता है, वही सही मायने में देखता है!