
भय ही पतन और पाप का निश्चित कारण है।

महत्वाकांक्षा वो बीज है जिससे सज्जनता का विकास होता है।

शांति युद्ध से सिर्फ बेहतर नहीं है, बल्कि कहीं अधिक कठिन भी है।

यदि हम स्थायी शांति स्थापित करना चाहते हैं तो हमें बच्चों के साथ शुरुआत करनी होगी।

मैंने पूरी ज़िन्दगी वहाँ कांटे निकालने और फूल लगाने का प्रयास किया है जहाँ वो विचारों और मन में बड़े हो सके।

आप हमेशा एक छात्र हैं, कभी मास्टर नहीं हैं आपको आगे चलते रहना होगा।

किसी भी प्रकार का भय और अधूरी इच्छा ही हमारे दुखों का कारण है|

हर वो चीज जो गिनी जा सके मायने नहीं रखती, और हर वो चीज जो मायने रखती है वो गिनी नहीं जा सकती।

जीवन में सीखने के लिए ऐसे बहुत से सबक हैं जिन्हे समझने के लिए उन्हें जीना होता है।

सत्य से बड़ा तो इश्वर भी नहीं।