
विवाह से न तो स्वर्ग है और न ही नरक है, यह बस यातना है।

सुखी वैवाहिक जीवन का राज़ अभी राज़ ही है।
अगर अच्छी शादी जैसी कोई चीज़ है तो वो इसलिए कि वहाँ प्रेम की बजाये दोस्ती ज्यादा है।

मैं पीने के लिए जाने की चिंता नहीं करता। मैं बस वापस घर जाने की चिंता करता हूँ।

यह सही है कि सब लोग आज़ाद और बराबर जन्म लेते हैं, पर कुछ लोग शादी कर लेते हैं।

अपनी पत्नी का जन्मदिन याद करने के लिए सबसे प्रभावी तरीका है एक बार इसे भूल जायें।

मैंने अपनी पत्नी से कई वर्ष से बात नहीं की...मैं उसे बीच में नहीं टोकना चाहता था।
युद्ध, शादी से बेहतर है क्योंकि युद्ध के बाद या तो आप जीवित रहते हैं या फिर आप मर जाते हैं। पर शादी के बाद ना तो आप जीवित रहते हैं ना ही आप मरते हैं।
एक अच्छी पत्नी हमेशा अपनी ग़लती के लिए अपने पति को माफ कर देती है।
जीवन का सब से दुष्कर प्रश्न, जिसका मुझे उत्तर नहीं मिल पाया है - आखिर औरत चाहती क्या है?