हम कभी भी पैसे के मालिक नही हो सकते, आपके मरने के बाद वह किसी और के हाथोँ में चला जाएगा।

यह बहुत ही अजीब है कि लोग धन को इकठ्ठा करते है और पिछे भागते है। यहाँ तक कि वे धनी होने और फ़िर इसे पीछे छोड़ जाने के लिये दुनिया को धोखा भी देते है।

धन स्वास्थ्य के लिए कोई सब्सिडी नहीं है।
अगर हम अपने धन को अपने काबू में रखते हैं तो हम आजाद और धनी रहेँगे, और अगर हमारा धन हमें चलाता है तो हम गरीब और गुलाम रहेँगे।

धन के संचय से खुश होने की कोशिश करना ऐसा ही है जैसे भूख लगने पर पूरे शरीर पर सैंडविच रख लेना।

धन सफल नहीं बनाएगा, यह आजादी को पैदा करेगा।

कुबेर भी अगर आय से ज्यादा व्यय करे, तो कंगाल हो जाता है।

ये मानना गलत है कि अकूत संपत्ति वाले लोग हमेशा खुश रहते है।

अगर हम करोड़ों का धन भी खो दे और हमें जीवन का भी त्याग करना पड़ जाए तो भी हमें ईश्वर में विश्वास रखते हुए अपने आप को खुश और चेहरे पर मुस्कराहट ही रखनी चाहिए।

कसीनो से भाग्यवान होकर लौटने का सिर्फ एक ही तरीका है कि ज्यादा के साथ जाइए।