अगर अमीर बनाना ही तुम्हारा एक मात्र लक्ष्य है ,तो तुम इसे कभी हासिल नहीं कर पाओगे।

जहाँ बहुत बड़ी रकम की बात हो , वहाँ किसी पर भरोसा ना करना ही उचित है।

दौलत की संतति ~ अहंकार, दिखावा, आडंबर, अभिमान, निर्दयता।
बजट, आपके संदेह की एक गणितीय पुष्टि है।

प्राप्त हुए धन का उपयोग करने में दो भूलें हुआ करती हैं, जिन्हें ध्यान में रखना चाहिए। अपात्र को धन देना और सुपात्र को धन न देना।

केवल धन देने भर से संतुष्ट न हों, धन पर्याप्त नहीं है, वह पाया जा सकता है लेकिन उन्हें आपके प्रेम की आवश्यकता है, तो जहाँ भी आप जायें अपना प्रेम सबमे बांटे।

अमीर आदमी वह नहीं जिसके पास सबसे अधिक है, बल्कि वो है जिसकी जरूरतें कम है।
वक्त पैसे से ज्यादा मूल्यवान है, आप पैसे को जितना चाहे पा सकते है लेकिन समय आपको आपकी मर्जी से नहीं मिलता।
परेशानियां, अमीर और गरीब के पास उनकी दौलत के अनुसार ही आती है। जितनी दौलत बढ़ती जाएगी परेशानियों का आकर भी उसी अनुसार बढ़ता चला जाएगा।
एक वो लोग होते हैं जिनके पास धन है और दूसरे वो जो अमीर है।