
आमतौर पर इंसान अपने सिद्धांतों की अपेक्षा अपने पैसों के लिए अधिक चिंतित रहता है।
सत्ता और पैसे अद्भुत स्रोत हैं, अगर वह आपकी जेब तक सीमित रहें, लेकिन अगर वे आपके दिमाग में घुस जाए तो वह बहुत भयानक स्वामी बन सकते है।

जीवन का अर्थ कमाना नही है, कमाई जीविका के लिए है, पैसा सिर्फ एक हरा कागज है।

अगर मुझे थोड़ा सा पैसा मिलता है तो, मैं किताब खरीदूंगा, और अगर इससे बचता है तो, खाना और कपडे।
निसंदेह कुछ लोगों के पास उनकी समझ से ज्यादा डॉलर होते है।

पैसा कमाने के लिए पैसे की ही जरुरत पड़ती है।

पैसा सिर्फ जीविका चलाने का एक माध्यम है, इसे इस से आगे मत बढ़ने दो।
मुझे मेरे कपड़ों में अचानक से पैसे मिल जाना बेहद अच्छा लगता है, ये मेरे लिए वैसे ही है जैसे मेरे द्वारा मुझे दिया हुआ तौफा।

21 वीं सदी में, संसार शरीर है और पैसा इसका रक्त।
एक करोड़पति तब अमीर नही हो जाता जब वह अपनी अगली कमाई लाखों में करता है बल्कि तब होता है जब वह इसे आदर्श कार्यों में लगाता है।