दुनिया के तमाम सच मिलकर एक बड़े झूठ में इजाफा करते हैं।
किसी व्यक्ति के चरित्र को उसके द्वारा प्रयुक्त विशेषणों से जाना जा सकता है।
वो सबसे दुखी लोग होते हैं जो बदलाव से सबसे अधिक डरते हैं।
जब कभी हम किसी स्थिति को नहीं बदल पाते हैं तो हमारे सामने खुद को बदलने की चुनौती आ जाती है।
प्रवृत्ति की कमजोरी चरित्र की कमजोरी बन जाती है।
हर व्यक्ति दुनिया को बदलने की सोचता है, लेकिन कोई भी व्यक्ति स्वयं को बदलने की नहीं सोचता।
सब प्राचीन अच्छा और सब नया बुरा नहीं होता। बुद्धिमान पुरुष स्वयं परीक्षा द्वारा गुण-दोषों का विवेचन करते हैं।
इंसान जितनी सहजता से सलाह देता है, उतनी सहजता से कुछ और नहीं देता।
आदमी या औरत की संस्कृति का पता इस बात से लगता है कि व्यक्ति झगड़े के समय कैसा आचरण करता है।
सपनो में जिम्मेदारी की शुरआत होती है।



